“मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान” : प्रधानमंत्री मोदी के जन्म-दिन 17 सितंबर से शुरू होगा ये अभियान

भोपाल  : मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार विकास, जन-कल्याण और सुराज के लिए प्रतिबद्ध है। केन्द्र एवं राज्य शासन के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों का पूरा लाभ उसके वास्तविक रूप से पात्र हितग्राही तक समय-सीमा में पहुँचे, यही सुशासन का मूल ध्येय है।

मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इसी ध्येय की पूर्ति के लिये प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के जन्म दिन 17 सितंबर से विशेष अभियान चला कर केन्द्र एवं राज्य की चिन्हित हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को दिलायें।

अभियान में पात्रताधारी हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जायेगी। कोई भी पात्र व्यक्ति इन योजना के लाभ से वंचित नहीं रहेगा। जन-कल्याण की इस प्रभावी पहल को “मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान” के रूप में 31 अक्टूबर 2022 तक चलाया जाएगा।

45 दिनों तक अनवरत चलेगा अभियान : “मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान” 45 दिन तक संपूर्ण प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अनवरत चलाया जाएगा। अभियान से संबंधित संपूर्ण कार्यवाही सी.एम. हेल्पलाइन पोर्टल से की जाएगी। पोर्टल में एक पृथक माड्यूल तैयार कर अधिकारियों एवं नागरिकों के लिए लॉगिन क्रियेट करने की सुविधा दी गई है। जिले के प्रभारी मंत्री के मार्गदर्शन में जिला कलेक्टर अभियान की सतत मॉनीटरिंग करेंगे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत ग्रामीण क्षेत्र के लिए एवं शहरी क्षेत्र के लिए जिला मुख्यालय के आयुक्त नगर पालिक निगम/अपर कलेक्टर/मुख्य नगर पालिका अधिकारी अभियान के लिये नोडल अधिकारी नामांकित होंगे।

अभियान में मिलेगा इन योजनाओं का लाभ : मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान में केन्द्र एवं राज्य सरकार की 33 फ्लैगशिप हितग्राहीमूलक योजनाओं का चिन्हांकन किया गया है।  अभियान से इन सभी योजनाओं में 100 प्रतिशत सेचुरेशन लाया जाएगा। सेचुरेशन से अभिप्राय है, सभी पात्र हितग्राहियों को संबंधित चिन्हांकित योजना का लाभ देना। परन्तु ऐसी हितग्राहीमूलक योजनाएँ, जो लक्ष्य आधारित हैं, अर्थात जिनमें शासन स्तर से लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, में लक्ष्य के अनुसार ही हितलाभ प्रदान करने की कार्यवाही की जाएगी।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री किसान कल्याण, स्वच्छ भारत मिशन, मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ-विक्रेता, प्रधानमंत्री स्व-निधि, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन, राष्ट्रीय विधवा पेंशन, राष्ट्रीय परिवार सहायता, समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना, 6 वर्ष से अधिक आयु के बहु-विकलांग, बौद्धिक दिव्यांग के लिये आर्थिक सहायता योजना, मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना, दिव्यांग छात्रवृत्ति, नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन, नि:शक्त विवाह प्रोत्साहन, उच्च शिक्षा शिक्षण शुल्क-जीवन निर्वाह भत्ता, चिकित्सक की अनुशंसा से नि:शुल्क कृत्रिम अंग सहायक उपकरण, आयुष्मान भारत निरामयम मध्यप्रदेश,

लाड़ली लक्ष्मी, प्रधानमंत्री मातृ वंदना, मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, प्रधानमंत्री उज्जवला, मध्यप्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत भवन सन्निर्माण श्रमिकों का पंजीयन, आहार अनुदान, किसान क्रेडिट कार्ड (पशुपालन), किसान क्रेडिट कार्ड (सहकारी बैंकों के माध्यम से), किसान क्रेडिट कार्ड (मछुआ), किसान क्रेडिट कार्ड (कॉमर्शियल बैंकों से), मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति, अटल पेंशन और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ दिलाया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।

सर्वे दल घर-घर जाकर पात्रताधारी हितग्राहियों को करेंगे चिन्हांकित

अभियान में प्रत्येक जिले में चिन्हित योजनाओं का लाभ लेने से छूट गए हितग्राहियों की पहचान, चिन्हांकन और प्रदत्त लाभों का सत्यापन कर गैप की पहचान करेंगे। सर्वे दलों का गठन जिला कलेक्टर द्वारा किया जाएगा। चिन्हित योजनाओ में सर्वे के पर्यवेक्षण के लिए जिला एवं विकासखंड स्तरीय अधिकारी तैनात रहेंगे। सर्वे का कार्य शिविर आयोजन के पूर्व किया जायेगा।

हितग्राहियों की जानकारी पोर्टल पर : अभियान से संबंधित सम्पूर्ण कार्यवाही मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पोर्टल से संचालित होगी। पोर्टल में एक पृथक मॉड्यूल तैयार कर अधिकारियों एवं नागरिकों के लिये लॉगिन क्रिएट करने की सुविधा दी गई है। अधिकारियो के लिये पोर्टल 9 सितम्बर और नागरिकों के लिये 11 सितम्बर से पोर्टल शुरू हो गया है। योजनाओं के लाभों से वंचित चिन्हांकित हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त होने पर उन्हें अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। नागरिक स्वयं भी लॉगिन कर पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।

शिविर प्रभारी और सहयोगी दल करेंगे कार्यवाही

प्रत्येक शिविर के पंजीयन की कार्यवाही पोर्टल से की जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत/शहरी वार्ड स्तर पर शिविर होंगे। शिविर के लिये प्रभारी तथा सहयोगी दल का गठन किया जाएगा। शिविर पूर्व सूचना सभी प्राप्त आवेदनों की पोर्टल में प्रविष्टि तथा निराकरण हेतु विकासखण्ड/नगरीय निकाय स्तर पर भेजा जाने की कार्यवाही भी यही टीम करेगी। शिविरों की मॉनीटरिंग हेतु पर्याप्त संख्या में सेक्टर अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। ऐसे आवेदन जिनकी स्वीकृति ब्लॉक या जिला स्तर या निकाय स्तर से होना है। उनके निराकरण की जिम्मेदारी सेक्टर अधिकारी की होगी।

ग्राम पंचायत एवं शहरी वार्ड स्तर पर शिविरों का आयोजन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म-दिन 17 सितंबर से 31 अक्टूबर, 2022 तक प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं शहरी वार्ड स्तर पर 2 शिविरों का आयोजन किया जाएगा। शिविरों की तिथि एवं स्थान आदि के संबंध में पोर्टल पर तिथियाँ अंकित रहेंगी, जिससे कि पोर्टल पर आवेदन करने से वंचित पात्रताधारियों को शिविर में लाभान्वित किया जा सकेगा।

प्रथम शिविर में प्राप्त आवेदनों में से सत्यापन बाद जिन हितग्राहियों के आवेदन का तत्काल निराकरण कर उन्हें मौके पर ही लाभ दिया जा सकता है, ऐसे हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जाएगा। शिविर में प्राप्त होने वाले अथवा शिविर के ठीक पूर्व पोर्टल पर दर्ज होने वाले नवीन आवेदनों को भी विचार में लिया जाएगा और उनका भी यथासंभव उसी दिन निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा।

द्वितीय शिविर ग्राम पंचायत और शहरी वार्ड में उसी स्थान पर एक बार फिर लगाया जाएगा, जहाँ प्रथम शिविर आयोजित किया गया था। द्वितीय शिविर के आयोजन के दौरान प्रथम शिविर में हितलाभ देने हेतु पात्र पाए गए आवेदकों को नियमानुसार स्वीकृति पत्र/हितलाभ प्रदान किये जायेंगे।

शिविरों में प्राप्त आवेदनों के निराकरण की स्थिति को रिमार्क (आवेदन स्वीकृत/अस्वीकृत करने के आधार का विवरण देते हुए) के साथ पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। सभी जिले यह सुनिश्चित करेंगे कि दोनों शिविरों में प्राप्त आवेदनों का यथासंभव अंतिम निराकरण 31 अक्टूबर अथवा उससे पूर्व अनिवार्य रूप से कर दिया जाये।

प्रधानमंत्री के जन्म-दिन पर पूरे प्रदेश में एक साथ होंगे कार्यक्रम

मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान में प्रथम दिवस प्रधानमंत्री मोदी के जन्म-दिन को प्रदेश में एक साथ कई कार्यक्रम होंगे। समारोहपूर्वक जन-प्रतिनिधियों की उपस्थिति में दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग वितरित किये जायेंगे। वंचित रह गये पात्रताधारियों को हितग्राहीमूलक योजनाओं में हित-लाभ वितरित करेंगे। स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का आयोजन होगा। साथ ही व्यापक तौर पर महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा पौध-रोपण किया जायेगा।

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