प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की

लखनऊ : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को पत्र लिखकर मांग की कि वह लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलाएं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करें। प्रियंका ने मांग की कि देश भर में किसानों के खिलाफ हुए मुकदमों को वापस लिया जाए और सभी ‘‘शहीद’’ किसानों के परिवारों को आर्थिक अनुदान दिया जाए।

प्रधानमंत्री मोदी डीजीपी (पुलिस महानिदेशकों के) सम्मेलन में हिस्सा लेने यहां आए हैं। इस कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री शुक्रवार रात राज्य की राजधानी लखनऊ पहुंचे थे। इस सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी हिस्सा ले रहे हैं।

पत्र

प्रियंका ने शनिवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी लखनऊ आये हैं। वह पुलिस के आला अधिकारियों के सम्मेलन भाग लेंगे। मैंने उन्हें पत्र लिखा हैं। मैं आपके माध्यम से उस पत्र को देश और प्रदेश के सामने रखना चाहती हूं ।’ उन्होंने पत्र पढ़कर मीडिया को सुनाया ।

प्रियंका ने पत्र में लिखा, ‘लखीमपुर किसान नरसंहार में अन्नदाताओं के साथ हुई क्रूरता को पूरे देश ने देखा। आपको यह जानकारी भी है कि किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का मुख्य आरोपी आपकी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले में शुरुआत से ही न्याय की आवाज को दबाने की कोशिश की। माननीय उच्चतम न्यायालय ने इस संदर्भ में कहा कि सरकार की मंशा देखकर लगता है कि सरकार किसी विशेष आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है।’

उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘महोदय, मैं लखीमपुर के शहीद किसानों के परिजनों से मिली हूं। वे असहनीय पीड़ा में हैं। सभी परिवारों का कहना है कि वे सिर्फ अपने शहीद परिजनों के लिए न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने रहते हुए उन्हें न्याय की कोई आस नहीं है। लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में जांच की हालिया स्थिति उन परिवारों की आशंका को सही साबित करती है। देश की कानून व्यवस्था के लिए ज़िम्मेदार गृह मंत्री अमित शाह जी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आपके उसी मंत्री के साथ मंच साझा करते हैं।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘आप देश के प्रधानमंत्री हैं, आप देश के किसानों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी अच्छी तरह से समझते होंगे। हर देशवासी के लिए न्याय सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य ही नहीं, उनका नैतिक दायित्व होता है। देशवासियों को सम्बोधित करते हुए आपने कल कहा कि किसानों के हित को देखते हुए सच्चे मन और पवित्र ह्रदय से कृषि क़ानूनों को वापस लेने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है। आपने यह भी कहा कि देश के किसानों के प्रति आप नेकनीयत रखते हैं। यदि यह सत्य है तो लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलाना भी आपके लिए सर्वोपरि होना चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी अब भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुए हैं। यदि आप इस सम्मेलन में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अब भी कातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं। यह किसान सत्याग्रह में शहीद 700 से अधिक किसानों का घोर अपमान होगा।’

प्रियंका ने कहा, ‘‘अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नीयत सचमुच साफ है तो आज केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच साझा नहीं कीजिए और उन्हें बर्खास्त कीजिए।’उन्होंने मोदी से कहा, ‘देश भर में किसानों पर हुए मुक़दमों को वापस लीजिए और सभी शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक अनुदान दीजिए।’

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में काफिले में शामिल एक एसयूवी द्वारा चार किसानों को उस वक्त कुचल दिया गया था, जब केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे एक समूह ने तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन किया।

गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर दो भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) कार्यकर्ताओं और एक चालक की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी और हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की मौत हो गई थी। इस मामले में गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ हत्या समेत भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

Written & Source By : P.T.I

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