मरीजों से मनमानी राशि नहीं वसूल सकेंगे निजी अस्पताल और नर्सिंग होम : शहर के अस्पतालों का निरीक्षण करने घूमी टीम

Datia news : दतिया। निजी अस्पताल और नर्सिंग होम में मरीजाें को दी जाने वाली सुविधाओं और आपरेशन आदि के बारे में रेट लिस्ट लगानी होगी। ताकि मरीजों को उस निजी अस्पताल की सुविधाओं पर होने वाले खर्च की स्पष्ट जानकारी मिल सके। इसे लेकर बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर के अस्पतालों का निरीक्षण कर वहां रेट लिस्ट को लेकर जांच पड़ताल की। इस दौरान दो निजी अस्पतालों में रेटलिस्ट न होने पर उन्हें नोटिस थमाए गए।

प्राइवेट अस्पताल मरीजों से मनमानी रकम वसूलते हैं। निजी अस्पतालों में सुविधाओं से लेकर आपरेशन तक उनके अपने रेट हैं, लेकिन अब सरकार इस पर सख्त हो गई है। अब प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम को अपनी जांच और उपचार की दरों की लिस्ट सार्वजनिक करनी होगी।

निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को यह स्पष्ट रूप से बताना होगा कि प्रत्येक जांच और उपचार के लिए उनके द्वारा मरीज से कितनी फीस ली जाएगी। यदि किसी अस्पताल को अपनी दरों में बदलाव करना हो, तो सबसे पहले मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को इस संबंध में सूचित करना होगा।

इसी को लेकर सीएमएचओ डा.बीके वर्मा ने एक टीम गठित कर शहरी क्षेत्र के अस्पताल और नर्सिंग होम के निरीक्षण करने भेजी। जांच दल में शामिल डा.राहुल चउदा चिकित्सा अधिकारी, मनोज गुप्ता जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी एवं कार्तिकेय मिश्रा फार्मासिस्ट ने निजी अस्पताल श्रीकृष्णा होस्पीटल, लाडो रतन, सिद्धि विनायक होस्पीटल, एसएस होस्पीटल एवं वेदिका होस्पीटल का मुआयना किया।

इस दौरान उन्होंने रेट लिस्ट के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान एसएस होस्पीटल और सिद्धी विनायक हाेस्पीटल के पास रेट लिस्ट नहीं मिलने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए दोनों संस्थानों के विरूद्ध नोटिस जारी किए गए।

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इस दौरान बताया गया कि चिकित्सकीय सेवाओं की दरों की सूची अस्पताल के काउंटर पर प्रदर्शित करनी अनिवार्य है। इसके साथ ही, यदि मरीज या उनके परिवार वाले दर सूची की मांग करते हैं, तो अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी कि वह उन्हें वह सूची दिखाएं। रेट लिस्ट के अलावा अतिरिक्त शुल्क लेना नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।

जांच दल ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह निर्देश मप्र उपचार गृह और उपचार संबंधी संस्थाएं अधिनियम, 1973 और उसके संशोधित 2021 नियमों के तहत जारी किए गए हैं। यदि नियमों के पालन में अवहेलना पाई जाती है तो निजी अस्पताल का लाइसेंस निरस्त किए जाने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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