केंद्रों पर तहसीलदार ने पहुंचकर सुपुर्दगी में लिए दस्तावेज
दतिया । एसडीएम के कृषक सत्यापन आईडी से कुछ किसानों के रकवा को अनाधिकृत रूप से सत्यापित कर दिए जाने के बाद उन किसानों के रकवे की धान समर्थन मूल्य पर केंद्रों पर न खरीदे जाने संबंधी आदेश एसडीएम ने केंद्र प्रभारियों को जारी किए हैं। आदेश में करीब तीन दर्जन से ज्यादा किसानों के रकवे को गलत तरीके से सत्यापित कर दिए जाने से समर्थन मूल्य पर उनकी धान खरीदी नहीं करने को कहा गया है। वहीं इस मामले में खरीदी केंद्र प्रभारियों का कहना है कि तहसीलदार सुनील वर्मा ने केंद्रों पर पहुंचकर अपने साथ खरीदी संबंधी रजिस्ट्रर व अन्य दस्तावेज जांच के नाम पर वहां से ले लिए और गुरूवार को उन केंद्रों पर खरीदी न करने संबंधी मौखिक आदेश देकर चले गए। जिसके कारण दो दिन से खरीदी रुकी पड़ी है।
सेवढ़ा अनुभाग में धान खरीदी को लेकर गड़बड़ी होने की शिकायत के बाद एसडीएम अनुराग निंगवाल पिछले कुछ दिनों से लगातार खरीदी केंद्रों का निरीक्षण कर रहे थे। इसी दौरान किसानों के रकवे सत्यापन के मामले में फर्जीवाडा सामने आने पर उन्होंने आदेश जारी कर उन किसानों की खरीदी रोकने के निर्देश दिए जिनके रकवे अनाधिकृत रुप से सत्यापित कर दिए गए थे । रकवा सत्यापन में गडबड़ी मिलने के बाद 2 दिन से खरीद केंद्र पर धान खरीदी रुकी हुई है। जिन किसानों को इस बात की जानकारी नहीं थी, वह शुक्रवार को भी खरीदी केंद्रों पर पहुंचे, लेकिन वहां उपज की खरीदी नहीं हो सकी। कई किसान इंतजार के बाद वापिस लौट गए। वहीं कुछ केंद्रों पर वारदाना न होने की बात कहकर किसानों की धान तुलाई नहीं हो सकी।
इन केंद्रों पर रुका पड़ा है खरीदी कार्य
जिन केंद्रों पर तहसीलदार वर्मा द्वारा मौखिक रूप से खरीदी काम रोकने संबंधी आदेश दिए गए हैं उनमें कामद रोड इंदरगढ़ खरीदी केंद्र, लघु कृषक केंद्र वेयर हाउस पडरी और इंदरगढ़ खरीदी केंद्र, इंदरगढ़ मंडी सहित सेंथरी स्टेडियम में िस्थत भलका 2 खरीदी केंद्र, सेंथरी में ही कुदारी, टोडा, सेंथरी लघु कृषक बाजार िस्थत खरीदी केंद्र शामिल हैं। जहां फिलहाल दो दिन से खरीदी काम रुका पड़ा है। इन केंद्रों के प्रभारियों के मुताबिक तहसीलदार सुनील वर्मा ने मौखिक आदेश देकर खरीदी गुरूवार से रुकवा दी थी। यहां जांच कार्य के बाद खरीदी शुरु किए जाने की जानकारी दी गई। वहीं इस मामले में एसडीएम निंगवाल का कहना है कि खरीदी केंद्र बंद नहीं किए गए हैं। 20 से अधिक किसानों के रकवे के अनाधिकृत तरीके से हुए सत्यापन के कारण उनसे खरीदी न किए जाने संबंधी आदेश दिए गए हैं। इधर माना जा रहा है कि जांच के बाद रकवे के फर्जी सत्यापन में और भी मामले सामने आ सकते हैं। जिन्हें लाभ पहुंचाने के लिए अनाधिकृत रूप से उनके रकवे को सत्यापित कर दिया गया। कुछ मामले तो ऐसे भी हैं जिनमें कृषक के पास मात्र 5 बीघा जमीन है और उसके नाम से 60 बीघा रकवे को सत्यापित कर धान की उपज समर्थन मूल्य पर बेचे जाने की तैयारी थी।