Datia News : दतिया । हत्या का प्रयास करने वाले आरोपितों को पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय के द्वितीय अतिरिक्त न्यायाधीश दतिया अजयकांत पांडेय द्वारा निर्णय पारित करते हुए आरोपित विनोद यादव एवं अच्छेलाल को फरियादी भरत बुंदेला को जान से मारने का प्रयास करने के अपराध में दोषी पाते हुए प्रत्येक आरोपित को धारा 307 में पांच-पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं तीन-तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी मुकेश गुप्ता, अतिरिक्त लोक अभियोजक दतिया द्वारा की गई।
प्रकरण के मुताबिक 22 नवंबर 2010 को रात 11 बजे भरत बुंदेला ने अपने ढाबे से घर जाने के लिए बाइक उठाई तभी सामने से एक बाइक पर आरोपितगण महेश, विनोद एवं अच्छेलाल आ गए और उसकी बाइक रोकी। महेश एवं विनोद दोनों बंदूक लिए थे। एक के पास माउजर थी, जबकि दूसरे के पा 12 बोर की बंदूक थी।
अच्छेलाल ने भरत को पकड़ लिया। महेश ने बंदूक से जान से मारने की नियत से उसे गोली मारी लेकिन भरत झुक गया। जिससे गोली बगल से निकलकर पास में खड़े मिंटू की गर्दन में जा लगी। भरत बुंदेला ने महेश की बंदूक पकड़ना चाही, तब तक महेश ने दूसरी गोली मारी जो उसके बांये पैर की जांघ में लगी। भरत जमीन पर गिर गया।
वह चिल्लाया तब तक एक गोली विनोद यादव ने मारी जो उसके सिर के ऊपर से निकल गई। इसके बाद आरोपित मौके से भाग गए। घायल भरत बुंदेला ने अपने भाई को फोन करके बुलाया। दतिया अस्पताल से भरत को ग्वालियर रैफर कर दिया गया।
उक्त सूचना के आधार पर थाना कोतवाली में आरोपितों के विरुद्ध धारा 307 का मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण में आरोपित महेश यादव के विरुद्ध साक्ष्य न होने से उसे दोषमुक्त किया गया। विचारण के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक मुकेश गुप्ता द्वारा प्रभावी ढंग से अभियोजन साक्ष्य रखे गए। न्यायाधीश द्वारा अभियोजन साक्ष्य पर विश्वास करते हुए अपर लोक अभियोजक मुकेश गुप्ता के प्रस्तुत तर्कों से सहमत होकर आरोपितों को दोषी मानते हुए दंडित किया गया।