पेशी से लौट रहे ग्रामीण को घेरकर गोली मारने वालों को मिली सजा : 11 लोगों को आजीवन कारावास और जुर्माने का दंडादेश

Datia News : दतिया। हत्या के 11 आरोपितों को आजीवन कारावास व जुर्माना की सजा से दंडित किया गया है। न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अजयकांत पांडेय द्वारा 28 दिसंबर को एक सत्र प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए आरोपित स्वरूपसिंह पुत्र देवसिंह यादव, बहादुर पुत्र सियाशरण लुहार, सोपत सिंह पुत्र बादामसिंह मूरत सिंह पुत्र बादामसिंह यादव, पुष्पेंद्र पुत्र मूरत सिंह यादव, प्रदीप पुत्र भैयालाल यादव, राघवेंद्र, सियाशरण पुत्र हरमुख झा, राजेश पुत्र भैयालाल यादव, पप्पू उर्फ यादवेंद्र उर्फ मानवेंद्र, एवं विश्वनाथ प्रतापसिंह पुत्र जसवंत सिंह यादव निवासी ग्राम छान थाना गोंदन जिला दतिया को मृतक बेनीसिंह की हत्या करने के अपराध में दोषी पाते हुए प्रत्येक आरोपित को आजीवन कारावास एवं जुर्माने से दंडित किया गया है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से प्रभावी पैरवी मुकेश गुप्ता, अपर लोक अभियोजक दतिया द्वारा की गई।

प्रकरण की घटना के मुताबिक वर्ष 2002 में ग्राम खिरिया के राजेंद्र सिंह यादव की हत्या के मामले में साहबसिंह उसका लड़का अंगद, ध्रुवसिंह, दशरथ सिंह, रामसेवक, प्रहलाद सिंह, सोहन सिंह, शोभाराम विजय बहादुर प्रतिपाल सिंह, कृष्णकात, बेनीसिंह, कल्लू उर्फ कल्याण आरोपित थे। यह सभी लोग दतिया न्यायालय से बरी हो गये थे।

उसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में अपील की थी। जिसकी पेशी पर वे लोग आते जाते थे। 26 जून 2013 को भी वह ग्वालियर हाईकोर्ट पेशी करने गए थे। वहां से लौटकर मैजिक गाड़ी से आ रहे थे। जबकि इंदरगढ़ से ध्रुवसिंह, विजय बहादुर, अंगद सिंह बाइक से बैठकर आ रहे थे। मैजिक गाड़ी खिरिया गांव के बाहर पंचायत भवन के पास पहुंची।

मैजिक में बैठे साहबसिंह बगैरह गाड़ी से उतरने लगे। उसी समय पंचायत भवन में छिपे हुए आरोपितों ने लाठी, बंदूकों से साहब सिंह, बेनीसिंह एवं अन्य लोगों पर हमला कर फायरिंग कर दी। वे लोग जान बचाकर इधर उधर भागने लगे। बेनीसिंह सीधा खेतों की तरफ भागा। राजेश ने उसे गोली मारी जिससे बेनीसिंह की मौत हो गई।

उक्त घटना की सूचना पुलिस थाना गोदन में प्राप्त होने पर हत्या व हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया। जिसकी विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक मुकेश गुप्ता के द्वारा प्रभावी ढंग से साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। प्रस्तुत तर्कों से सहमत होकर न्यायालय ने आरोपितों को दोषी मानते हुए दंडादेश दिया।

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