नई दिल्ली : बिहार कांग्रेस में विधायकों की टूट की अटकलों और प्रदेश संगठन में बदलाव की चर्चाओं के बीच राहुल गांधी ने सूबे के तमाम वरिष्ठ नेताओं और विधायकों के साथ बुधवार को लंबी मंत्रणा की।
इस बातचीत के दौरान राहुल ने बिहार में कांग्रेस को मजबूत करने पर सूबे के नेताओं की राय जानी तो विधायकों के बीच पार्टी नेतृत्व के लिए भरोसा बढ़ाने वाली बातें की।
सूबे के नेताओं के साथ राहुल गांधी की हुई बातचीत को देखते हुए बिहार कांग्रेस में बड़े बदलाव को जल्द ही अंतिम रूप दिए जाने की संभावना जताई जा रही हैं।
प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष की नियुक्ति की तैयारी कर रहे पार्टी हाईकमान ने सूबे की जमीनी सियासत से रूबरू होने के साथ नेताओं से सीधा संवाद स्थापित करने की रणनीति के तहत यह बैठक बुलाई थी। बैठकों के दो अलग-अलग दौर में राहुल गांधी ने सूबे के तमाम नेताओं से चर्चा की।
सुबह में राहुल के आवास पर हुई पहले दौर की बैठक में पूर्व स्पीकर मीरा कुमार, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदनमोहन झा, निखिल कुमार, कीर्ति आजाद, अशोक राम, शकील अहमद, अनिल शर्मा आदि शरीक हुए।
समझा जाता है कि इस दौरान राहुल ने सूबे की राजनीतिक चुनौतियों के साथ बिहार में कांग्रेस को मजबूत करने को लेकर सभी नेताओं की राय जानी। वरिष्ठ नेता मीरा कुमार ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस को मजबूत करने के लिहाज से अच्छी और महत्वपूर्ण बातचीत हुई।
वहीं कीर्ति आजाद ने कहा कि 2024 के चुनाव को देखते हुए नेतृत्व की सूबे के नेताओं के साथ इस तरह की चर्चा और बैठकें स्वाभाविक हैं जिसमें पार्टी को मजबूत बनाए जाने पर मंत्रणा हुई।
विधायकों को प्रेरित करने का प्रयास बिहार में कांग्रेस के कई विधायकों के टूटकर जदयू में जाने की सियासी गलियारों में चल रही अटकलों पर विराम लगाने के प्रयास के तहत राहुल ने शाम को सूबे के सभी विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के साथ अपने आवास पर दूसरी बैठक की। इस दौरान राहुल ने सूबे में कांग्रेस के बेहतर भविष्य की संभावनाओं की बातों के साथ विधायकों को प्रेरित करने का प्रयास किया।
प्रदेश अध्यक्ष को लेकर सीधा संवाद नहीं प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चेहरे के लिए राहुल ने सीधे तौर पर नेताओं से कोई रायशुमारी नहीं ली और न ही इन नेताओं ने भी अपनी राय बताई।
बताया जाता है कि चूंकि बैठक में शामिल कई नेता खुद प्रदेश अध्यक्ष बनने के इच्छुक हैं और इसलिए नेताओं ने हाईकमान को अपनी पसंद बताने से परहेज किया।
हालांकि बिहार कांग्रेस के नए प्रभारी भक्त चरण दास दलित चेहरे को संगठन की कमान सौंपने की पेशबंदी कर रहे हैं। जाहिर तौर पर तमाम दूसरे नेता सूबे की सियासी हकीकत को देखते हुए उनके इन प्रयासों पर सवाल उठा रहे हैं।
प्रदेश प्रभारी की सियासी समझ पर उठाए सवाल प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर कुमार झा ने दास की कोशिशों को सूबे में पार्टी के लिए नुकसानदेह बताते हुए साफ कहा कि प्रभारी का सियासी नजरिया ठीक नहीं है।
उनके अनुसार हकीकत यह है कि केंद्र और बिहार सरकार को लेकर लोगों में नाराजगी लगातार बढ़ रही है और कांग्रेस के लिए मौजूदा हालात में सूबे में उभरने का सुनहरा मौका है मगर प्रभारी को बिहार की राजनीति की कोई समझ नहीं है। सूबे के कुछ दूसरे वरिष्ठ नेता भी प्रभारी की नए अध्यक्ष के लिए की जा रही सियासी बैटिंग से असंतुष्ट नजर आए मगर किशोर झा की तरह उन्होंने मुखर होने से परहेज किया।