New Delhi News : नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल लड़ाकू विमान सौदे की फ्रांस में शुरू हुई न्यायिक जांच के मद्देनजर भारत में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से इसकी जांच की मांग को लेकर अपना सियासी अभियान जारी रखे हैं। सोमवार को उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था कि सच को दबाया नहीं जा सकता।
वहीं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी ने भी कहा कि फ्रांस में शुरू हुई जांच से प्रथम दृष्ट्या अनियमितता का संदेह साफ है और सरकार के पास जेपीसी जांच कराने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
कांग्रेस की ओर से आधिकारिक बयान जारी करते हुए एंटनी ने कहा कि फ्रांस में शुरू हुई जांच के 48 घंटे बाद भी मोदी सरकार की चुप्पी यह संकेत दे रही है कि सरकार भ्रष्टाचार के इस मामले को रफा-दफा करना चाहती है।
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साथ ही मामले की जांच करा दोषियों को दंडित करने से सरकार का इन्कार भी कुछ इसी ओर इशारा कर रहा है। एंटनी ने कहा कि आज तक प्रधानमंत्री या सरकार ने यह नहीं बताया है कि 126 की जगह अचानक केवल 36 राफेल जेट खरीदने का फैसला क्यों लिया गया, और टेक्नोलाजी ट्रांसफर का बलिदान क्यों किया गया?
इतना ही नहीं राफेल जेट की कीमत बढ़ाए जाने का तर्कसंगत जवाब भी सरकार ने नहीं दिया है। सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड को सौदे से बाहर करने और रक्षा खरीद परिषद से मंजूरी मिले बिना प्रधानमंत्री की ओर से एकतरफा नए सौदे की घोषणा को लेकर भी पूर्व रक्षामंत्री ने सवाल उठाया।
एंटनी ने कहा कि ताजा घटनाओं और सामने आए दस्तावेजों से साफ है कि राफेल सौदे में गड़बड़ी व भ्रष्टाचार की कांग्रेस की बातें सही साबित हो रही हैं।