लोकायुक्त टीम की रेड : रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए राजघाट के कार्यपालन यंत्री और बाबू, बिजली ठेकेदार से मांगे थे 85 हजार

Datia News : दतिया । बिजली ठेकेदार से उसके बिल का भुगतान करने के एवज में 35 हजार की रिश्वत लेते राजघाट के कार्यपालन यंत्री व उसके बाबू को लोकायुक्त ग्वालियर की टीम ने गुरुवार को रंगे हाथों पकड़ लिया। बिजली ठेकेदार ने उससे रिश्वत मांगे जाने के संबंध में लोकायुक्त को शिकायत की थी।

जिसके बाद लोकायुक्त टीम ने कार्यपालन यंत्री को दतिया में ट्रेप करने की प्लानिंग की। गुरुवार को जैसे ही बिजली ठेकेदार ने कार्यपालन यंत्री और उसके बाबू से रिश्वत की बातचीत कर 35 हजार रुपये दिए तभी लोकायुक्त टीम वहां आ धमकी। जिसे देखकर कार्यपालन यंत्री हक्का बक्का रह गया। टीम के अधिकारियों ने अपना परिचय देकर कार्यपालन यंत्री और बाबू के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की।

जानकारी के अनुसार बिजली ठेकेदार आशुतोष श्रीवास्तव पुत्र रामगोपाल श्रीवास्तव निवासी बाबा कपूर की गली गोहद जिला भिंड ने लोकायुक्त ग्वालियर में शिकायत दर्ज कराई थी कि दतिया राजघाट जलसंसाधन विभाग में पदस्थ कार्यपालन यंत्री प्रेमकुमार पाठक उससे बिजली बिल का भुगतान करने के एवज में 85 हजार रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा है।

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इस शिकायत पर लोकायुक्त टीम सक्रिय हुई। शिकायतकर्ता बिजली ठेकेदार को संबंधित को रिश्वत की राशि देने के लिए गुरुवार का दिन तय किया गया। इसके बाद लोकायुक्त टीम के सदस्य सादा कपड़ों में कार्यपालन यंत्री के कार्यालय के बाहर पहुंच गए। इस दौरान ठेकेदार आशुतोष रिश्वत के 35 हजार रुपये लेकर कार्यपालन यंत्री प्रेमकुमार पाठक से मिलना पहुंचा।

जहां कार्यपालन यंत्री ने रिश्वत की राशि अपने बाबू रामसिया को देने की बात कही। जैसे बाबू को रिश्वत की राशि दी गई उसी समय लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। इस मामले में लोकायुक्त ने कार्यपालन यंत्री प्रेमकुमार पाठक और बाबू रामसिया पुत्र किन्नर कटरु को आरोपित बनाया है।

डेम के बिजली बिल का पेमेंट बना मुसीबत : बिजली ठेकेदार आशुतोष श्रीवास्तव का कहना था कि मड़ीखेड़ा डैम दतिया के बिजली बिल का भुगतान कार्यपालन यंत्री नहीं कर रहा था। इसके एवज में ठेकेदार से 85 हजार की रिश्वत मांगी जा रही थी।

काफी परेशान होने के बाद ठेकेदार ने लोकायुक्त में इस बात की शिकायत की। जिसके बाद यह कार्रवाई हो सकी। वहीं इस मामले में अभी कार्यपालन यंत्री और उनके बाबू की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है।

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