देहरादून : भारी बारिश ने अब उत्तराखंड में भी तबाही मचा दी है। कुमांऊ क्षेत्र में बारिश का ज्यादा असर पड़ा है। यहां बारिश के कारण कई मकान धराशायी हो गए। भूस्खलन के चलते कई मार्ग अवरुद्ध कर दिए गए हैं।
नैनीताल के काठगोदाम में रेल्वे लाइन बारिश के पानी में बह गई। बाढ़ के चलते करीब 11 लोगों की जान चली गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के मंत्री धनसिंह रावत और डीजीपी अशोक कुमार के साथ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया। सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाना शुरू कर दी है।
उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते सबसे ज्यादा कुमाऊं क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जहां कई मकान जमींदोज हो गए हैं और मलबे में कई लोग दबे हुए हैं। नैनीताल का संपर्क राज्य के बाकी हिस्सों से कट गया है। यहां की तीन सड़कें भूस्खलन के चलते ब्लॉक हो गई हैं। वहीं भारी बारिश से नैनीताल जिले में काठगोदाम रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाली रेलवे लाइन भी बह गई है।
इस प्राकृतिक आपदा से राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 24 हो गया है। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट के सचिव एसए मुरुरेसन ने बताया कि पिछले 24 घंटे में राज्य में 200 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है। सोमवार को बारिश के चलते पौड़ी और चंपावत में 5 मौतें हुई थीं। इसमें नेपाल के तीन मजदूर भी शामिल थे।
मंगलवार को अल्मोड़ा, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर में 11 लोगों की जान चली गई।
मुख्यमंत्री ने किया हवाई दौरा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि जल्द ही सेना के हेलिकॉप्टर यहां मदद और राहत पहुंचाने के लिए पहुंच जाएंगे। इनमें से दो हेलिकॉप्टरों को नैनीताल और एक को गढ़वाल भेजा जाएगा।
सीएम ने लोगों से आग्रह किया कि वे घबराएं नहीं, उनकी सुरक्षा के सभी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने चारधाम यात्रियों से अपील की कि वे जहां हैं, वहीं रुक जाएं और मौसम साफ होने के बाद ही यात्रा को दोबारा शुरू करें। मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री ने भारी बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने रुद्रप्रयाग पहुंचकर नुकसान के आंकलन की समीक्षा भी की।
गौला नदी पर बना पुल दरका
हल्द्वानी में गौला नदी पर बना पुल बारिश के चलते दरक गया है। पुल के बीचोबीच गड्ढा बन गया। पुल के एक छोर पर खड़े लोगों ने दूसरे छोर से आ रहे बाइक सवार को इस बारे में अलर्ट किया। तब मोटर साइकिल सवार वापस मुड़ा। नैनीताल में नैनी झील के पास माल रोड और नंदा देवी मंदिर में पानी भर गया है, यहां एक होस्टल बिल्डिंग को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं ऊधम सिंह नगर में नानक सागर बांध के सभी गेट खोल दिए गए हैं।
उत्तराखंड पुलिस के साथ मिलकर एसडीआरएफ ने सोमवार को केदारनाथ से लौट रहे 22 श्रद्धालुओं को बचाया, जो जंगल में फंसे हुए थे। टीम ने चार मजदूरों को भी बचाया, जो मलबे में दबे थे। सोमवार शाम हाईवे के पास उफनते लामबगड़ नाले में फंसी एक कार को क्रेन की मदद से निकाला गया। कार में यात्री भी सवार थे। भूस्खलन के चलते कार नाले में पत्थरों की वजह से फंस गई थी। बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन ने इसका रेस्क्यू किया।