रेलवे की नई आरक्षण प्रणाली दिसंबर तक होगी तैयार : प्रति मिनट बुक होंगे डेढ़ लाख टिकट, वेटलिस्ट चार्टिंग में भी बड़ा बदलाव

नई दिल्ली : भारतीय रेलवे अब टिकट बुकिंग प्रणाली में एक बड़ा तकनीकी सुधार लाने जा रही है। दिसंबर 2025 तक तैयार होने वाली नई यात्री आरक्षण प्रणाली (PRS) प्रति मिनट 1.5 लाख टिकटों की बुकिंग की क्षमता रखेगी, जो वर्तमान क्षमता (32,000 प्रति मिनट) से लगभग पांच गुना अधिक है। यह घोषणा रेल मंत्रालय ने 29 जून 2025 को की।


यात्रियों की सुविधा के लिए बहुभाषी और स्मार्ट टिकटिंग सिस्टम : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि नई आरक्षण प्रणाली बहुभाषी होगी, जिससे देश के विभिन्न क्षेत्रों के यात्री अपनी भाषा में टिकट बुक कर सकेंगे। बुकिंग इंटरफेस को अधिक यूजर-फ्रेंडली बनाया जाएगा, जिसमें सीट चयन, किराया कैलेंडर और विशेष यात्रियों (दिव्यांग, छात्र, रोगी आदि) के लिए एकीकृत सुविधा शामिल होगी।


प्रतीक्षा सूची यात्रियों को राहत: एडवांस चार्टिंग की सुविधा : यात्रियों की योजना में अधिक निश्चितता लाने के लिए रेलवे बोर्ड ने प्रस्थान से 8 घंटे पहले चार्ट तैयार करने का प्रस्ताव रखा है। दोपहर 2 बजे से पहले रवाना होने वाली ट्रेनों के लिए आरक्षण चार्ट अब पिछले दिन रात 9 बजे तक तैयार कर दिया जाएगा। इससे वेटलिस्ट वाले यात्रियों को कन्फर्मेशन की स्थिति जानने और वैकल्पिक योजना बनाने का समय मिलेगा।


तत्काल बुकिंग में आधार व डिजिलॉकर से होगा प्रमाणीकरण : 1 जुलाई 2025 से आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर तत्काल टिकट बुकिंग केवल सत्यापित यूजर्स ही कर सकेंगे। इसके लिए उपयोगकर्ता को आधार या किसी अन्य सरकारी ID (डिजिलॉकर में उपलब्ध) से प्रमाणीकरण करना होगा। जुलाई के अंत से OTP आधारित सत्यापन भी लागू होगा। इससे पारदर्शिता और सुरक्षा में वृद्धि होगी।


दस गुना अधिक टिकट पूछताछ क्षमता : नई आरक्षण प्रणाली केवल बुकिंग ही नहीं, बल्कि टिकट पूछताछ की क्षमता को भी 10 गुना तक बढ़ाएगी। वर्तमान में जहां 4 लाख पूछताछ प्रति मिनट संभव है, वहीं यह संख्या बढ़कर 40 लाख प्रति मिनट हो जाएगी।

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समग्र यात्रा अनुभव को नागरिक-अनुकूल बनाने का प्रयास : रेल मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रणाली स्मार्ट, पारदर्शी, सुलभ और कुशल होनी चाहिए। यह पहल भारतीय रेलवे के उन निरंतर प्रयासों का हिस्सा है, जो यात्रा को केवल साधन नहीं बल्कि एक बेहतर अनुभव बनाने की दिशा में उठाए जा रहे हैं।

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