राजस्थान : मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों की कवायद तेज,पायलट गुट के विधायकों को मंत्री नहीं बनाना चाहते हैं गहलोत ?

जयपुर : आखिरकार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां करने को लेकर सहमत हो गए हैं।

हालांकि, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की मांग के हिसाब से पांच से छह मंत्री उनके कोटे से बनाने को लेकर सीएम तैयार नहीं हैं। सीएम चाहते हैं कि पायलट खेमे के दो से तीन विधायकों को ही मंत्री बनाने के साथ ही कुछ नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों के माध्यम से उपकृत किया जाए।

गौरतलब है कि पायलट और गहलोत दो खेमों में राजस्थान कांग्रेस बंटी हुई थी। ऐसे में दोनों खेमों को संतुष्ट कर कलह को खत्म करने को पार्टी आलाकमान प्रयासरत था।

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इसी कड़ी में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों पर सहमति बनाने के लिए पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने बुधवार को दूसरे दिन सीएम से मुलाकात की। इससे पहले मंगलवार को भी माकन और गहलोत के बीच दो घंटे तक बैठक हुई थी ।

दो दिन के मंथन में राजनीतिक गतिरोध खत्म करने पर सहमति बनी है । गहलोत के विश्वस्त एक मंत्री का कहना है कि 15 अगस्त से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है ।

राजनीतिक नियुक्तियों का काम इसी महीने शुरू हो जाएगा । आधा दर्जन संसदीय सचिव बनाने को लेकर भी गहलोत की माकन से बात हुई है । बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों को संसदीय सचिव बनाने पर सहमति बनी है ।

मीडिया से बात करते हुए माकन ने कहा कि सरकार में होने वाले फैसलों पर काम हो रहा है। शीघ्र ही सबके सामने आ जाएगा ।

सोनिया गांधी से बात करेंगे गहलोत जानकारी के अनुसार माकन से मुलाकात में गहलोत ने कहा कि वह मंत्रिमंडल विस्तार व राजनीतिक नियुक्तियों से पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात करेंगे ।

गहलोत सोनिया के समक्ष बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों के साथ ही 13 निर्दलियों को सरकार में शामिल करने पर अपना पक्ष रखेंगे। निर्दलियों को सरकार में शामिल करने को लेकर माकन और पायलट सहमत नहीं हैं।

पायलट समर्थक विधायक ने दिखाई तेवर उधर, पायलट समर्थक विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने बुधवार को मीडिया से कहा कि हम अपने हक की आवाज उठाने के लिए दिल्ली और मानेसर (हरियाणा) गए थे। अगर दिल्ली और मानेसर जाना राजनीतिक आत्महत्या है तो वह हम कर चुके हैं । उन्होंने हम आलाकमान से अपनी बात कहने गए थे । अगर हमारी सुनवाई नहीं हुई तो फिर दिल्ली जाने को तैयार हैं ।

माकन का घेराव करने पहुंचे भाजपा सांसद माकन बुधवार को एक होटल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे थे कि अचानक भाजपा के राज्यसभा सदस्य डा.किरोड़ी लाल मीणा आदिवासी महिलाओं और बच्चों को लेकर उनके पास पहुंच गए ।

माकन का घेराव करने के लिए पहुंचे मीणा को बाद में पुलिस अधिकारियों व कांग्रेस नेताओं ने समझाया तो वे ज्ञापन देने के लिए तैयार हो गए । उन्होंने माकन से कहा कि आदिवासियों की जमीनों पर कब्जे हो रहे हैं ।

इनके लिए बनाई गई योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं हो रहा । आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं, लेकिन गहलोत सरकार इस मामले को कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है ।

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