अयोध्या : 500 वर्षों के इंतज़ार के बाद आज भगवान श्री राम अपने मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं. मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई है, इस अद्वितीय क्षण में पूरा विश्व हर्ष और उल्लास से झूम रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी बतौर मुख्य यजमानपीले रंग की धोती और कुर्ता पहनकर मंदिर परिसर में पहुंचे। अपने साथ श्रीरामलला का चांदी का छत्र लेकर आएं पीएम मोदी. फिर प्राण प्रतिष्ठा की विधि में शामिल हुए जो 12 बजकर 5 मिनट पर शुरू हुई, जहां करीब एक घंटे तक ये पूजा अर्चना चली।
उस समय प्रधानमंत्री मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी , राज्यपाल आनंदी बेन पटेल , आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सहित कई पुजारी भी गर्भगृह में उपस्थित थे.
राम विवाद नहीं, समाधान हैं
पीएम नरेंद्र मोदी ने प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के बाद अपने संबोधन में कहा कि ये मंदिर सिर्फ एक देव मंदिर नहीं है, बल्कि भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का यह राम मंदिर है।
भारत की आस्था हैं राम, भारत का आधार हैं राम। भारत की प्रतिष्ठा हैं राम, भारत का प्रताप हैं राम। प्रवाह हैं राम तो प्रभाव हैं राम। नित्यता भी हैं राम, निरंतरता भी हैं राम।
पीएम मोदी ने आगे कहा की राम विवाद नहीं, समधान हैं, राम सबके हैं; उन्होंने कहा कि “हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे. हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे. आज हमारे राम आ गए हैं.
रामलला की मूर्ति की विशेषता : अयोध्या में भव्य राम मंदिर में विराजे भगवान राम के बाल रूप की मूर्ति को गर्भ गृह में स्थापना के बाद सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई है।
जहां रामलला पीतांबर से सुशोभित हैं। उन्होंने हाथों में धनुष-बाण धारण किया है। प्रभु का रतन जड़ित मुकूट बेहद चमकता हुआ नज़र आ रहा है साथ ही भगवान के चेहरे पर मन मोहन मुस्कान भी देखने को मिल रही है.