रतनगढ़ माता मंदिर की श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए व्यवस्थाएं बदली
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दतिया. रतनगढ़ माता मंदिर पर व्यवस्थाओं को लेकर जिला प्रशासन ने सक्रियता बढ़ा दी है। नवरात्रि पर्व के मद्देनजर वहां कई बदलाव किए गए हैं। इसमें अतिक्रमण हटाने, सुरक्षित शारीरिक दूरी के लिए स्थान चिन्हित करने तथा चिकित्सा सुविधा और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। रविवार देर रात तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। नवरात्रि पर्व के दौरान संक्रमण न फैले और कोई दुर्घटना ना हो इसके लिए प्रशासन ने कई कदम उठाए है।जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर रतनगढ़ माता मंदिर पर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के दबाव के बाद मंदिर खोल तो दिया है पर दर्शन व्यवस्था में भी कई बदलाव किए हैं।

सुरक्षित शारीरिक दूरी के लिए गोले बनाए गए हैं । किसी घटना दुर्घटना के मद्देनजर पुलिस ने अतिरिक्त फोर्स भी वहां तैनात किया है। इसके साथ ही डॉक्टरों की ड्यूटी भी वहां पर लगाई गई है। ताकि श्रद्धालुओं को इन चिकित्सा कैंप में प्रारंभिक स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। प्रशासन ने नीचे मंदिरों के प्रवेश द्वार से लेकर पहाड़ी स्थित माता मंदिर तक श्रद्धालुओं को क्रमबद्ध छोड़ने का निर्णय लिया है।इसके अतिरिक्त पहाड़ी पर मंदिर के पास ही एक चिकित्सा कैंप भी लगाया जा रहा है, जिससे कि किसी भी प्रकार की घटना या दुर्घटना होने पर तुरंत श्रद्धालुओं को तुरंत राहत मिल सके।

रतनगढ़ माता मंदिर के पुजारी राजेश कटारे ने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। सप्तमी तथा अष्टमी पर यहां पर श्रद्धालुओं का अत्याधिक दबाव रहेगा। प्रशासन ने यहां पर श्रद्धालुओं को नीचे से एक साथ छोड़ने की बजाए एक-एक कर निश्चित शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मंदिर तक जाने की इजाजत दी है। गत रविवार रात एक बजे तक प्रशासन व अन्य विभाग मिलकर अतिक्रमण हटाने का कार्य करते रहे। इस मुहिम के तहत अस्थाई दुकानें जो सड़कों पर लगी थी उन्हें हटाया गया। नवरात्रि पर्व के चलते यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं। इनमें बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालु भी शामिल हैं।

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बंदरों से सुरक्षा का नहीं हो सका इंतजाम

रतनगढ़ माता मंदिर परिसर में बहुतायत में बंदर है, जो श्रद्धालुओं के हाथों और वाहनों से सामान निकाल कर ले जाते हैं। इस कारण कई बार दर्शनार्थी घायल भी हुए हैं। इन बंदरों से सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने कहीं कोई इंतजाम नहीं किए हैं। जबकि मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं ने इस समस्या को लेकर संबंधितों से कई बार शिकायत की है।

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