नई दिल्ली : भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने “डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए इमारतों या क्षेत्रों की रेटिंग” पर आज अपनी सिफारिशें जारी कर दी हैं पिछले दशक के दौरान डिजिटलीकरण में अभूतपूर्व वृद्धि ने दुनिया भर में अर्थव्यवस्था, नवाचार, विज्ञान और शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य, स्थिरता, शासन तथा जीवन शैली तक सब कुछ प्रभावित करने वाली क्रांति ला दी है। डिजिटल प्रौद्योगिकियां मौलिक रूप से व्यवसाय मॉडल, संस्थानों एवं समाज को तेजी बदल रही हैं। डिजिटल कनेक्टिविटी की मांग हाल के वर्षों में कई गुना बढ़ चुकी है और कोविड-19 के दौर ने डिजिटल उपयोगकर्ताओं के सभी वर्गों में मांग वृद्धि को और अधिक बढ़ावा दिया है, भले ही उनका स्थान कुछ भी हो।
बीते दौर में, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और सरकार ने दूरसंचार कनेक्टिविटी की मांगों को पूरा करने के लिए विभिन्न नीतिगत बदलाव किये हैं। इन नीतिगत हस्तक्षेपों ने कनेक्टिविटी में सुधार करने में सहायता की है, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक कवरेज और उच्च डाटा प्राप्त होना सुनिश्चित हुआ है। हालांकि, ये सभी प्रयास उपयोगकर्ताओं के डिजिटल कनेक्टिविटी अनुभव के वांछित स्तर को प्राप्त करने में अभी भी प्रयासरत हैं। उन लोगों को और भी बेहतर कनेक्टिविटी देने की कोशिश जारी है, जो अब कहीं से भी, किसी भी समय काम करना पसंद करते हैं। 5जी नेटवर्क के विस्तार ने विशेष रूप से इमारतों के अंदर 5जी सेवाओं के निर्बाध अनुभव की आवश्यकता को और बढ़ा दिया है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने कनेक्टिविटी की गुणवत्ता का आकलन करने, कनेक्टिविटी प्रदान करने में चुनौतियों की पहचान करने और भविष्य का मार्गदर्शन करने के लिए कई अध्ययन किए हैं। इन अध्ययनों के आधार पर ट्राई ने “बहुमंजिला आवासीय अपार्टमेंट के अंदर अच्छी गुणवत्ता वाले नेटवर्क की खोज: गुणवत्ता में सुधार के तरीकों की पुनर्कल्पना” पर एक मोनोग्राफ प्रकाशित किया है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने उपरोक्त के आधार पर ईको-सिस्टम की स्थापना के लिए एक ढांचा प्रदान करने के उद्देश्य से स्व-प्रेरणा के आधार पर परामर्श की प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें डिजिटल कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर सभी विकास गतिविधियों का हिस्सा बन जाता है। प्राधिकरण ने 07 जुलाई, 2022 तक उठाए गए मुद्दों पर हितधारकों से इनपुट लेने हेतु 25 मार्च, 2022 को “डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए भवनों या क्षेत्रों की रेटिंग” पर परामर्श पत्र (सीपी) जारी किया था।
प्राप्त टिप्पणियों के विश्लेषण के आधार पर ओपन हाउस चर्चा और उसके विश्लेषण के दौरान हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करते हुए “डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए इमारतों या क्षेत्रों की रेटिंग” पर ट्राई की सिफारिशों को अंतिम रूप दिया गया है। इन सिफारिशों का जोर डिजिटल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर (डीसीआई) के लिए ईको-सिस्टम के निर्माण हेतु एक ढांचा प्रदान करने पर है, जो पानी, बिजली या अग्नि सुरक्षा प्रणाली जैसी अन्य भवन निर्माण सेवाओं के समान विकास योजना का एक आंतरिक हिस्सा है। संपत्ति प्रबंधकों (मालिक या डेवलपर या बिल्डर आदि), सेवा प्रदाताओं, बुनियादी ढांचा प्रदाताओं, डीसीआई पेशेवरों एवं विभिन्न शहरी/स्थानीय निकायों के अधिकारियों सहित विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग के माध्यम से डीसीआई को भवन विकास के साथ-साथ सह-डिज़ाइन तथा सह-निर्मित किया जाना है। यह ढांचा युवा व्यक्तियों के लिए डीसीआई पेशेवर बनने और डिजिटल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर के डिजाइन, स्थापन तथा मूल्यांकन का हिस्सा बनने के उद्देश्य से नौकरी के अवसर भी खोलेगा।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने मॉडल बिल्डिंग उपनियम 2016 में शामिल करने के उद्देश्य से मॉडल बिल्डिंग उपनियम 2016 के परिशिष्ट के माध्यम से एमबीबीएल में जोड़े गए मौजूदा प्रावधानों को संशोधित और अपडेट करके ‘बिल्डिंग में डिजिटल कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर’ पर एक नया अध्याय भी प्रस्तावित किया है। जिसे मार्च 2022 में बिल्डिंग सॉल्यूशंस डिजिटल कम्युनिकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ऑर्गनाइजेशन (टीसीपीओ) द्वारा जारी किया गया।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने इस बात पर जोर दिया है कि संपत्ति प्रबंधकों (डेवलपर्स, बिल्डर्स आदि) द्वारा भवनों में विकसित डिजिटल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर (डीसीआई) निष्पक्ष, पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण और गैर-प्रभार्य आधार पर सभी सेवा प्रदाताओं के लिए सुलभ होना चाहिए।
सिफारिशों में डिजिटल कनेक्टिविटी के उद्देश्य से भवनों की रेटिंग के लिए रूपरेखा का विकास करना भी शामिल किया गया है, जो संपत्ति की उत्पादकता में वृद्धि करेगा। ट्राई इमारतों की रेटिंग के लिए अलग से उपयुक्त नियामक ढांचा तैयार करेगा, जिसमें रेटिंग प्रमाणन का मुद्दा भी शामिल होगा।
“डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए भवनों या क्षेत्रों की रेटिंग” पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की सिफारिशों की मुख्य विशेषताएं इस प्रेस विज्ञप्ति के ‘अनुलग्नक-1’ के रूप में संलग्न हैं।