दतिया । रिछरा फाटक के पास 70 परिवारों पर बेघर होने का खतरा मंडराने लगा है। शहर के रिछरा फाटक मुन्नी सेठ की तलैया पर प्राचीन रर दीवार के पास बने मकानों को तोड़े जाने की कार्रवाई शुरू की जा रही है। इस कारण इन मकानों पर निशान लगा दिए गए है। यहां रिंग रोड बनाई जानी है। इसके लिए जिन मकानों को तोड़ा जाना है वहां के 70 परिवारों के घरों के आगे क्रॉस का चिन्ह बना दिया गया है। साथ ही कई घरों को तोड़ा भी जा चुका है।
इसके लिए प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को कोई नोटिस या मुआवजा भी नहीं दिया है। इस बात को लेकर 70 पररिवारों के लोगों ने कलेक्टर को अपनी बात बताई और मुवाअजा दिए जाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित रिंग रोड़ से उनके मकान काफी दूरी पर है। इसके बावजूद हमारे मकानों को तोड़ा जा रहा है।
इन परिवार के लोगों ने बताया कि हमारे घरों को तोड़ने की कार्रवाई करने के पहले कोई नोटिस या मुआवजा भी नही दिया गया है। इस समस्या को लेकर मंगलवार को इन परिवारों के लोगों ने कलेक्टर संजय कुमार से मिलकर यह समस्या बताई। लोगों ने कलेक्टर को कहा कि अगर इनके मकानों तोड़ा गया, तो वह बेघर होकर भूखे मरने को मजबूर हो जाएंगे।
ज्ञापन देने वालो में रामजी लाल, गौतम, प्रमोद खटीक,रमेश वंशकार, ब्रजकिशोर, रामप्रकाश, शिवकुमार सहित अन्य रहवासी के परिवारों के लोग शामिल थे। कलेक्टर को दिए आवेदन में पीड़ित परिवारो ने बताया कि इनके मकान रिछरा फाटक पर रर के काफी दूरी पर हैं। रर से दूर होने के बावजूद भी उनके मकानों को रिंग रोड में शमिल किया जा रहा है। कलेक्टर से रर के दोनों तरफ नाप कराए जाने का आश्वासन दिया है। कलेक्टर ने कहा कि इसके अलावा जब तक प्रशासन द्वारा वहां के रहवासियों को दूसरी जगह रहने के लिए नही दी जाती है, तब तक उनके मकानों को नही तोड़ा जाएगा।