भोपाल/ग्वालियर | मध्यप्रदेश सरकार ग्वालियर में 29 और 30 अगस्त को रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव का आयोजन करने जा रही है। इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य पर्यटन क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करना और ग्वालियर-चंबल एवं सागर संभाग के पर्यटन स्थलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव निवेशकों से सीधा संवाद करेंगे और उन्हें प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं से अवगत कराएंगे।
विशेष अतिथि और आयोजन स्थल : ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। राज्य सरकार का मानना है कि यह कॉन्क्लेव पर्यटन क्षेत्र में नए अवसरों और साझेदारी को बढ़ावा देगा।
थीम और उद्देश्य : कॉन्क्लेव की थीम “टाइमलेस ग्वालियर: इकोज़ ऑफ़ कल्चर, स्पिरिट ऑफ़ लेगेसी” तय की गई है। इसका मकसद ग्वालियर को सांस्कृतिक धरोहर, अनुभवात्मक पर्यटन और क्षेत्रीय विकास का केंद्र बनाना है। पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि यह आयोजन होटल व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स और निवेशकों के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगा।
निवेश और एमओयू : प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति और प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि कॉन्क्लेव में होटल, रिसॉर्ट, वेलनेस और ईको-टूरिज्म से जुड़े निवेशकों को लेटर ऑफ अवॉर्ड (LoA) प्रदान किए जाएंगे। साथ ही कई महत्वपूर्ण एमओयू और अनुबंध भी होंगे। इन परियोजनाओं से स्थानीय समुदाय को पर्यटन आधारित रोजगार मिलेगा और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
पर्यटन प्रदर्शनी और सांस्कृतिक गतिविधियाँ : कार्यक्रम के दौरान विशेष पर्यटन प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें मध्यप्रदेश के विविध पर्यटन स्थल, हॉस्पिटैलिटी ब्रांड्स, होम-स्टे, रिसॉर्ट्स, हैंडलूम-हैंडिक्राफ्ट, साहसिक गतिविधियाँ और सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल शामिल होंगे। यह प्रदर्शनी निवेशकों और पर्यटकों को प्रदेश के पर्यटन परिदृश्य से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम होगी।
पैनल चर्चाएँ : कॉन्क्लेव के तहत दो प्रमुख पैनल चर्चाएँ आयोजित होंगी :-
1. “टूरिज़्म ऐज़ अ कल्चरल ब्रिज – ब्रांडिंग ग्वालियर एंड हार्टलैंड ऑफ़ एमपी” : इसमें ग्वालियर की सांस्कृतिक धरोहर, शास्त्रीय संगीत और स्थापत्य कला को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने की रणनीतियों पर चर्चा होगी।
2. “ग्वालियर एंड चंबल राइजिंग – इनबाउंड अपील थ्रू हेरिटेज, लग्ज़री एंड एक्सपीरियंस” : इसमें विरासत, लग्ज़री स्टे, डेस्टिनेशन वेडिंग और अनुभवात्मक पर्यटन के नए आयामों पर संवाद होगा।