मुंबई : रिलायंस कैपिटल लिमिटेड ने बुधवार को कहा कि उसके मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ)धनंजय तिवारी ने इस्तीफा दे दिया है। कंपनी ने अपनी नियामक फाइलिंग में तिवारी के इस्तीफे का कारण स्पष्ट नहीं करते हुए कहा कि वह 15 मार्च 2022 से सेवामुक्त हो गये।
खरीदने की होड़ में कई बड़ी कंपनियां
जहां एक ओर आरबीआई की सख्ती के चलते अनिल अंबानी की मुसीबतें बढ़ी हैं, तो दूसरी ओर उनकी रिलायंस कैपिटल में कई दिग्गज उद्योगपतियों की रुचि है। जी हां, इसे खरीदने की होड़ में अडानी फिनसर्व समेत केकेआर, पीरामल फाइनेंस और पूनावाला फाइनेंस जैसी कुल 14 कंपनियां लगी हुई हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस कैपिटल के लिए बोलियां दाखिल करने की तारीख 11 मार्च थी जिसे बढ़ाकर अब 25 मार्च कर दिया गया है।
नवंबर 2021 में किया था बोर्ड भंग
गौरतलब है कि आरबीआई ने 29 नवंबर को रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया था और अपनी तरफ से बैंक ऑफ महाराष्ट्र के पूर्व कार्यकारी निदेशक नागेश्वर राव को प्रशासक नियुक्त कर दिया था। इसके अगले ही दिन केंद्रीय बैक ने प्रशासक की मदद के लिए एक तीन सदस्यीय पैनल भी गठित कर दिया था। अनिल अंबानी की अगुआई वाली आरसीएल पर कर्ज भुगतान में चूक और कंपनी संचालन संबंधी कई गंभीर आरोप हैं।
इस्तीफे के कारणों का खुलासा नहीं
हालांकि, कंपनी ने धनंजय तिवारी के इस्तीफे की वजह साफ नहीं की है। गौरतलब है कि अनिल अंबानी की इस कंपनी पर भारी कर्ज है और यह बिकने वाली है। अनिल अंबानी द्वारा प्रवर्तित कंपनी फिलहाल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच में कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) प्रक्रिया से गुजर रही है। गौरतलब है कि कंपनी ने सितंबर 2021 की सालाना बैठक में अपने शेयरधारकों को बताया था कि उस पर कुल बकाया देनदारी करीब 40 हजार करोड़ रुपये है।