दतिया । 1 अप्रैल से नगर पालिका ने जलकर की राशि 20 रुपये से बढाकर सीधे 40 रुपये कर दी है। इस दोगुना जलकर वृद्धि से लोगों में आक्रोश पनपने लगा है। इस बारे में नगर पालिका के जल प्रदाय विभाग का कहना है कि नए क्षेत्रों में पाइप लाइन डालने सहित अन्य खर्चों में बढ़ोत्तरी के कारण जलकर में वृद्धि करना पड़ रही है। नगर पालिका अवैध कनेक्शनों और उसकी वसूली को लेकर चुप्पी साधे हुए है।
नगर पालिका का कहना है कि जलकर वृद्धि पिछले कई सालों से नहीं की गई है। इसके कारण इस बार जल कर बढ़ाया गया है, जबकि लोगों का कहना है कि जलकर की राशि एकदम दोगुना करना नाइंसाफी है। इसे लेकर लोगों ने प्रदर्शन करने की बात भी कही है, किंतु कोरोना गाइड लाइन व उसके प्रोटोकाल के चलते वह प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।
शहर में एक लाख 25 हजार की आबादी के नगर पालिका वाले क्षेत्र में लगभग 20 हजार से अधिक नल कनेक्शन है। इन कनेक्शनधारियों से 20 रुपये प्रतिमाह जलकर लिया जाता है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में लगभग सात हजार अवैध नल कनेक्शन भी है, जो कोई जलकर नहीं जमा करते है। शहर में जहां घोषित तौर पर नल एक दिन छोड़कर आते है, वहीं अघोषित तौर पर पांच-पांच दिनों तक नल नहीं आते है। शहर में जल वितरण का कोई समय भी निर्धारित नहीं है। यह भी लोगों के गुस्से का एक बड़ा कारण है। इधर नगरीय निकाय चुनाव के नजदीक होने से विपक्ष भी इस मुद्दे को भुनाना चाह रहा है।
दोगुना जलकर के विरोध में कांग्रेस देगी ज्ञापन
दोगुनी जलकर वृद्धि को लेकर नवनियुक्त कांग्रेस जिला अध्यक्ष अशोक दांगी ने बताया कि यह जनता के साथ सरासर नाइंसाफी है। इसे लेकर हम सड़कों पर उतरेंगे। दोगुना टैक्स जल जैसी मूलभूत सुविधा के लिए लगाया जाना जायज नहीं है। यह भाजपा और उसकी सरकार की मनमानी है। इसे लेकर शुक्रवार 2 अप्रैल को कांग्रेस एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपेंगी और बड़ी हुई जलकर वृद्धि को वापस लेने की मांग की जाएगी।
अवैध कनेक्शन बने हुए हैं सिरदर्द
नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 20 हजार से अधिक नल कनेक्शन है, इसमें 7 हजार नल कनेक्शन अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं। आरोप है कि यह अवैध नल कनेक्शन या तो पार्षद, नेता या फिर नगर पालिका के कर्मचारियों की मिलीभगत से ही चल रहे हैं। बताया जाता है कि 7 हजार नल कनेक्शनों में से मात्र 824 नल कलेक्शन वैध किए जा सके हैं, जिनसे पिछले माह से बिल की वसूली की जा रही है। इसके अलावा 3 से 5 दिनों में जल वितरण किया जा रहा है और जल प्रदाय का कोई समय तय नहीं है। इसके चलते लोगों को जल संकट भोगना पड़ रहा है।