MP में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 13 हजार मानदेय : CM का ऐलान- रिटायरमेंट पर सवा लाख रु. देंगे; 5 लाख तक का हेल्थ और दुर्घटना बीमा भी

भोपाल : आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 10 हजार रूपए से बढ़ा कर 13 हजार रूपए किया जाएगा। मानदेय में इंसेंटिव के रूप में 1000 रूपए की वृद्धि प्रतिवर्ष की जाएगी। आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का 1000 रूपए प्रति माह अलग से प्राप्त होगा।

मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय भी 6 हजार 500 रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है। आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृत्त होने पर एकमुश्त एक लाख 25 हजार रूपए और सहायिकाओं को एक लाख रूपए उपलब्ध कराए जाएंगे।

आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का 5 लाख रूपए का स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा कराया जाएगा। सहायिका से आँगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित होंगे। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता को शासकीय कर्मचारी की तरह सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के भेल दशहरा मैदान में हुए सम्मेलन में की। मुख्यमंत्री भारतीय मजदूर संघ तथा मध्य प्रदेश आँगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका महासंघ के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

योजनाओं के क्रियान्वयन में आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका सराहनीय : मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की भूमिका सराहनीय है। लाड़ली लक्ष्मी और मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के‍क्रियान्वयन में आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहता हैं। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना को लागू करवाने में आँगनवाड़ी की बहनों ने कठिन परिश्रम किया है, जो अभिनन्दनीय है। बहनों ने कम समय में दिन-रात एक कर एक करोड़ 25 लाख पंजीयन कराए, यह बड़ी उपलब्धि है। कुपोषण कम करने के लिए आँगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं के सतत प्रयास जारी हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के परिश्रम और उनके द्वारा समाज के लिए किए जा रहे कार्यों का सदैव सम्मान किया है और समय -समय पर मानदेय में वृद्धि की है।

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना सामाजिक क्रांति की एक महत्वपूर्ण कड़ी : मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना, मेरे अंतर्मन से ‍निकली योजना है। भारत में प्राचीनकाल में महिलाओं का बहुत सम्मान था, परंतु देश के गुलाम होने के बाद महिलाओं के साथ अन्याय हुआ। ऐतिहासिक कारणों के परिणामस्वरूप घरों में भी महिलाएँ दोयम दर्जे के व्यवहार की शिकार हुईं।

अपनी छोटी-मोटी जरूरतों के लिए भी बहने दूसरों पर निर्भर थीं। उनकी स्थिति में सुधार के लिए ही प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना, कन्या विवाह योजना, अन्य प्रोत्साहन गतिविधियाँ और महिला सशक्तिकरण के लिए योजनाएँ क्रियान्वित की गईं। लाड़ली बहना योजना भी इस सामाजिक क्रांति की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। सम्मेलन में भारतीय मजदूर संघ और मध्यप्रदेश आँगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका महासंघ के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter