अमृतसर : पाकिस्तान की जेल में 23 वर्ष रहे मध्य प्रदेश के प्रह्लाद सिंह राजपूत की सोमवार को वतन वापसी हुई। सिर्फ कारावास ही नहीं, प्रह्लाद के साथ पाकिस्तान में अत्याचार भी हुए। छोटी से गलती के लिए उन्हें जेल में इतना पीटा जाता रहा कि वह सुध-बुध खो बैठे हैं।
मानसिक रूप से परेशान प्रह्लाद 23 वर्ष पहले गलती से पाकिस्तान चले गए थे। पाकिस्तान से मिली रिहाई के बाद सोमवार की शाम साढ़े चार बजे अंतरराष्ट्रीय अटारी सीमा पर पाक रेंजर्स ने प्रह्लाद को बीएसएफ के हवाले किया। ज्वाइंट चेक पोस्ट पर मेडिकल चेकअप और कस्टम की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद बीएसएफ ने प्रह्लाद को मध्य प्रदेश पुलिस के हवाले कर दिया।
इसके बाद पुलिस उन्हें लेकर मध्यप्रदेश रवाना हो गई। प्रह्लाद राजपूत मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले हैं। अटारी सीमा पर अपने भाई वीर सिंह को देखकर वह उन्हें पहचान नहीं पाए। जब वीर सिंह ने उन्हें ‘बड़े भइया मैं छोटा भाई वीर सिंह’ कहा तो प्रह्लाद के चेहरे पर चमक आ गई। दोनों एक-दूसरे के गले लगे। अब प्रह्लाद 56 वर्ष के हो चुके हैं।
1999 में हुए थे लापता, 2014 में प्रह्लाद के पाक में होने की मिली जानकारी : महाराष्ट्र पीडब्ल्यूडी विभाग में कार्यरत वीर सिंह ने बताया कि 1999 में प्रह्लाद घर से लापता हो गए थे। उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी।
वह पहले भी कई बार घर से जा चुके थे, लेकिन कुछ घंटों में लौट आते थे। 1999 में जब वे घर से निकले तो फिर लौटे नहीं। हमने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट सागर पुलिस थाने में दी थी। जनवरी 2014 में केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार को जानकारी दी कि प्रह्लाद नामक शख्स पाकिस्तान में सजा काट रहा है। इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने प्रह्लाद की वतन वापसी के प्रयास शुरू किए। अब जाकर उसकी रिहाई हो पाई।
बेटे का इंतजार करते-करते मां छोड़ गई दुनिया : वीर सिंह के अनुसार, पाकिस्तान जेल में प्रह्लाद के साथ काफी अत्याचार हुआ है। वह बात तक नहीं कर पा रहा। अमृतसर पुलिस भी जानना चाहती थी कि आखिर वह पाकिस्तान कैसे पहुंचा, पर वह बता नहीं पाया।
वीर सिंह का कहना है कि यह तय है कि प्रह्लाद पाकिस्तानी सीमा में गलती से प्रवेश कर गया था। मां गुलाब रानी अपने बेटे का चेहरा देखने को तरसती रही। 2016 में उनकी मृत्यु भी हो गई। भाई लौट आया है, इससे बड़ी खुशी हमारे लिए और कुछ नहीं लेकिन अब वह मां से नहीं मिल सकेगा।
गलती से पाक गए उत्तर प्रदेश के रामबहादुर को भी पाक ने किया रिहा
उत्तर प्रदेश का रामबहादुर भी प्रह्लाद सिंह राजपूत के साथ ही अटारी सीमा पर पहुंचे। रामबहादुर पिछले सप्ताह गलती से पाकिस्तान सीमा क्षेत्र में चले गए थे।
पाकिस्तान ने सोमवार को उन्हें रिहा कर दिया। अमृतसर पुलिस ने रामबहादुर को गुरु नानक देव अस्पताल अमृतसर स्थित सराय में ठहराया है। 30 वर्षीय रामबहादुर के अनुसार, वह उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के रहने वाले हैं। पुलिस उनके स्वजन से संपर्क कर रही है। इसके बाद उन्हें भी घर भेज दिया जाएगा।