Datia News : दतिया। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दतिया द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन शिशु रोग विभाग एवं स्त्री व प्रसूति रोग विभाग द्वारा सम्मिलित रूप से किया गया। इस दौरान पोस्ट नेटल वार्ड में भर्ती महिलाओं को शिशु पुतले के जरिए मां द्वारा शिशु को स्तनपान कराने के सही तरीके की जानकारी डा.राजेश गुप्ता द्वारा दी गई।
इस दौरान स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. श्वेता यादव द्वारा भी महिलाओं को मां के दूध की महत्ता बताई गई एवं उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया। तत्पश्चात अकादमिक कार्यशाला का आयोजन शिशु रोग विभाग के सेमिनार हॉल में किया गया। जिसमें माताओं के साथ-साथ अस्पताल के चिकित्सक व स्टाफ भी सम्मिलित हुए। इस दौरान पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से चित्रों द्वारा जानकारी दी गई कि किस प्रकार मां का दूध ही शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है।
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इस दौरान बताया गया कि जन्म के बाद प्रथम 2 वर्ष के दौरान ही शिशु के मस्तिष्क का विकास होता है, मस्तिष्क के सही विकास के लिए जन्म के बाद 6 महीने तक केवल मां का दूध एवं छह माह बाद मां के दूध के साथ साथ ऊपर का अर्ध ठोस आहार शिशु को प्रदान किया जाना चाहिए। ऐसा ना करने की स्थिति में मस्तिष्क का विकास सही तरीके से नहीं हो पाता है, जिस वजह से आगे चलकर बच्चे को मानसिक कमजोरियों का अनुभव करना पड़ता है।
स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ.श्वेता यादव ने प्रसूताओं, उनके परिजनों को स्तनपान कराने वाली महिलाओं के उचित खानपान एवं देखभाल के विषय में जानकारी दी। साथ ही उपस्थित चिकित्सा कर्मियों से समाज के सभी वर्गों में स्तनपान की महत्ता एवं शिशु के लिए उपयोगिता के बारे में जागरुकता अभियान में सहयोग करने का निवेदन किया।
कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. केसी राठौर एवं मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक डॉ.अर्जुन सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस कार्यशाला के सफल आयोजन को लेकर चिकित्सा महाविद्यालय दतिया के अधिष्ठाता डॉ. दिनेश उदैनिया कहाकि इस तरह के आयोजन जागरुकता लाने में सहायक होते हैं। उक्त जानकारी मेडिकल कॉलेज दतिया के जनसंपर्क अधिकारी डॉ.हेमंत कुमार जैन द्वारा दी गई।