भाग्य लक्ष्मी 2 जून एपीसोड : एपिसोड की शुरुआत लक्ष्मी, वीरेंद्र और नीलम को कुछ बताना चाहती है। लेकिन नीलम उसे रोक देगी। तभी आयुष सभी को बताता है कि सगाई की अंगूठी मिल गई है। सोनिया कहती है कि उसे पता था कि अंगूठी लक्ष्मी के कमरे में ही होगी। ऋषि सोनिया से कहता हैं नहीं, अंगूठी लक्ष्मी के पास नहीं थी।
इधर दादी अहाना से कहती हैं कि अगर लक्ष्मी अपने बारे में कोई जवाब नहीं देगी तो इसमें मेरी कोई गलती नहीं होगी। पंडित सगाई की रस्म शुरू कराता है। ऋषि अंगूठी लेकर मलिष्का को पहनाने वाला होता है। तभी वहां शालू आकर सगाई रोक देगी।
मलिष्का नाराज होकर कहती है कि शालू और उसकी बहन लक्ष्मी को देखने दो कि तुम मुझे कैसे अंगूठी पहनाते हो। वह ऋषि को अंगूठी पहनाने के लिए कहती है। तभी वहां जज पहुंच जाती है। जिसे देखकर सभी चौंक जाते हैं। शो कहानी में एकदम नया टि्वस्ट आ जाएगा।
जज ने रुकवा दी सगाई : सगाई के दौरान पहुंची जज कहती है कि मैं वही जज हूं जिसने लक्ष्मी और ऋषि को 3 महीने साथ रहने का फैसला सुनाया था। वह कहती हैं कि मुझे यहां डोनेशन ड्राइव के लिए बुलाया गया था, लेकिन यहां कुछ और ही चल रहा है। जज कहती है कि उसने ऋषि और लक्ष्मी के तलाक का फैसला नहीं दिया था।
फिर यहां कैसे सगाई हो रही है। मलिष्का कहती है कि लक्ष्मी से तलाक के बाद ऋषि 3 महीने बाद मुझसे शादी करेंगे। जज पूछती है कि क्या तुम मुझे बेवकूफ समझते हो। ऋषि कहता है कि लक्ष्मी और मेरा 3 महीने बाद तलाक हो जाएगा, इसलिए यह सगाई कर रहे थे।
जज कहती है कि यह मैं तय करूंगी कि 3 महीने बाद तलाक होगा या नहीं। वह ऋषि से कहती है कि उसने अदालत अपमान किया और उसे सजा भुगतनी होगी। जज पुलिस बुलाने की बात करती है।
लक्ष्मी करेगी ऋषि का बचाव : तभी लक्ष्मी, जज से पुलिस को न बुलाने के लिए कहती है। लक्ष्मी कहती है कि यह ऋषि की गलती नहीं है, यह मेरी गलती है और कहती है कि मैंने उनसे अंगूठियां बदलने के लिए कहा।
वह कहती है कि उसका ऋषि के साथ झगड़ा हुआ था और उसने उसे मलिष्का के साथ अंगूठी का आदान-प्रदान करने के लिए कह दिया था। वह कहती है कि यह सिर्फ मेरी गलती है। शालू उसे ऐसा कहने से रोकती है।
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लक्ष्मी उसे चुप रहने के लिए कहती है। वह कहती है कि यह मेरे परिवार का मामला और इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करे। लक्ष्मी जज से सॉरी कहती है।
परिवार के लोगों पर पड़ेगी फटकार : जज घर के लोगों से कहती है कि आपने शादी को खेल समझ लिया है। वह कहती है कि ऋषि जिस घर का बेटा है। उस परिवार के लोगों को तो उसे रोकना चाहिए था लेकिन सब उसका साथ दे रहे थे।
वह लक्ष्मी से कहती है कि अगर ऐसा दोबारा होता है तो यह अदालत का अपमान है और सबको दंडित किया जाएगा। वह पार्टी बंद करा देती है। वह ऋषि को चेतावनी देती है और मलिष्का से कहती है कि उसे उसके साथ गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
वह कहती हैं कि यहां सभी पढ़े-लिखे हैं, लेकिन ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे वे अनपढ़ हैं। जज के जाने के बाद नीलम और परिवार के सदस्य लक्ष्मी को ही जज को बुलाने का दोष लगाते हैं।