Datia News : दतिया। सोनागिर में डकैती डालने वाले बदमाशों को पुलिस ने घटना के 6 दिन बाद गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। घटना के दो प्रमुख आरोपित पुलिस ने गिरफ्तार कर उनके कब्जे से लूटी गई नकदी और हथियार बरामद किए हैं। शेष आधा दर्जन आरोपितों की तलाश में पुलिस टीमें भेजी गई हैं। घटना का खुलासा करने पर जैन समाज ने गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा एवं एसपी अमन सिंह राठौड, एएसपी कमल मौर्य सहित अन्य पुलिस अधिकारियों का गुरुवार शाम सम्मान किया।
जैन तीर्थस्थल सोनागिर में हुई डकैती का पुलिस ने 6 दिन बाद गुरुवार को खुलासा कर दिया। एसपी अमन सिंह राठौड सहित 10 पुलिस टीमों ने दिन रात एक कर दो आरोपितों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की। पकड़े गए बदमाशों के पास से 1 लाख रुपये की नकदी और दो कट्टे बरामद किए हैं। अन्य आधा दर्जन बदमाशों के नाम और पते भी पुलिस ने जुटा लिए हैं। जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें रवाना की गई है। वहीं पुलिस पूछतांछ में घटना के मास्टरमाइंड सुनील कुशवाह निवासी सेवनी ने बताया कि जैन धर्मशाला में वह नौकरी करता था। जहां से निकाले जाने के कारण बदला लेने की नियत से उसने मंदिर में डकैती की योजना बनाई थी।
नौकरी से निकालने का बदला लेने के लिए डाली डकैती : पकड़े गए आरोपित सुनील कुशवाह ने पुलिस को बताया कि बीसपंथी धर्मशाला में वह अपने पिता शीतल कुशवाह के साथ साफ सफाई का काम करता था। सुनील की शराब पीकर मंदिर आने की आदत से तंग आकर धर्मशाला वालों ने उसे काम से निकाल दिया था। इसके बाद पिछले 15-20 दिन पहले भी कुंदकुंद धर्मशाला में साफ-सफाई का काम सुनील फिर से करने लग गया था। लेकिन यहां भी शराब पीकर काम करने आने पर धर्मशाला मैनेजर ने उसे 7 सितंबर को काम से निकाल दिया था। इसी बात से नाराज होकर सुनील कुशवाह ने मन में जैन मंदिर को लूटकर बदला लेने की ठान ली।
वारदात के लिए ऐसी बनाई योजना : लूटपाट के लिए सुनील ने अपने साथी लल्ला परिहार से बात की। 8 सितंबर को आरोपित सुनील कुशवाह एवं लल्ला परिहार निवासीगण सेवनी ने चंद्रप्रभु मंदिर में रखी दानपेटी लूटने की योजना बनाई। जैन पर्व के कारण मंदिर में काफी धनराशि दानपेटी में एकत्रित थी। सुनील कुशवाह मंदिर में साफ सफाई करने का काम कर चुका था। इसलिए उसे मंदिर के सभी रास्ते मालूम थे। घटना के पहले उक्त आरोपितों ने पहाड़ की तरफ की रास्तों को भी देखा। मंदिर में डकैती डालने के लिए सुनील और लल्ला परिहार ने अपने साथी रवि परिहार निवासी घूघसी, भूरा कुशवाह पुत्र भिड्डा कुशवाह निवासी दतिया, भूरा उर्फ सगुन केवट निवासी कुलैथ, सुनील कुशवाह निवासी खिरिया को 8 सितंबर को सोनागिर बुलाया एवं पहाड़ी के पीछे बडौनी रोड पर बैठकर योजना बनाई।
9-10 सितंबर को सभी महेवा की पुलिया पर मिले। जहां भूरा केवट अपने साथ दो लड़के और लेकर आया था। सभी लोग रात्रि में करीब 10 बजे एक-एक करके 5 लोग सेवनी तरफ से एवं 3 लोग बडौनी तरफ से पहाड़ी की झाडियों में जाकर छुप गए। बदमाशों के पास 4 कट्टे, 1 अधिया, सरिया, लाठी, रस्सा, बोरी आदि थे। रात्रि करीब 1 बजे पहाड़ी पर चढ़कर मंदिर के पीछे की बाउंड्री की रेलिंग पर रस्सा डालकर बदमाश मंदिर में प्रवेश कर गए। रवि के पास सरिया था। जिससे मंदिर के पीछे का ताला तोड़ा और सभी एक साथ मंदिर के अंदर मुंह बांधकर घुसे और वहां सो रहे दोनों गार्डों को बंधक बनाकर मारपीट कर मंदिर के पीछे ले गए। रवि परिहार दोनों गार्डों के पास कट्टा अडाकर खड़ा रहा।
फिर सभी ने मंदिर के अंदर जाकर पहले सीसीटीव्ही कैमरे तोडे़ एवं मंदिर में लगा डीवीआर भी तोड़कर निकाल लिया। उसके बाद मंदिर में रखी कांच की दानपेटियों को तोड़कर उसमें रखी धनराशि बोरे में भरकर ले गए। दोनों गार्डों के मोबाईल भी छीनकर मंदिर के पीछे बाउंड्री फांदकर वापस उसी रास्ते से नीचे उतरकर बडौनी तरफ भाग निकले। गुप्तेश्वर मंदिर के पास पहाडियों के पीछे बदमाशों ने लूट की रकम में से सुनील को साठ हजार रुपये एवं लल्ला परिहार को पैंतालीस हजार रुपये देकर बाकी राशि लेकर बदमाश चले गए। आरोपित लल्ला परिहार एवं सुनील कुशवाह ने बताया कि मंदिर की डीवीआर पत्थर से कुचलकर रामसागर तालाब में फैंक दी थी। जबकि दोनों गार्डो के मोबाईल तोड़कर मंदिर के पीछे पहाड की झाडियों में फेंक दिए थे।
पुलिस को करनी पड़ी मशक्कत : एसपी राठौड ने बताया कि आरोपित लल्ला उर्फ पंजाब परिहार पुत्र जगदीश परिहार निवासी सेवनी थाना सोनागिर को गिरफ्तार कर उसके पास से एक 315 बोर का कट्टा, एक मोबाईल की चिप, एक लाल सफेद चौखाने का रक्त रंजित कपडा व 45 हजार रुपये बरामद हुए हैं। जबकि पकड़े गए दूसरे आरोपित सुनील पुत्र शीतल कुशवाह निवासी सेवनी के पास से एक 12 बोर की देसी अधिया 55 हजार रुपये नकद बरामद हुए हैं। एसपी राठौड़ ने बताया कि छानबीन के दौरान पुलिस ने जिले के 109 बदमाशों को भी चैक किया। घटना वाले दिन उनकी मूवमेंट की जानकारी ली गई।
इसके साथ ही एसपी राठौड ने आसपास के 8 जिलों के पुलिस अधीक्षकों से बातचीत कर उन क्षेत्रों की जेल से रिहा हुए लाेगों की जानकारी भी जुटाई। करीब सौ सीसीटीवी फुटेज चैक किए गए। साथ ही मोबाइल सीडीआर का विश्लेषण किया गया। इसके बाद शक की सुई मंदिर में काम करने वाले स्थानीय लोगों की ओर घूमी। पुलिस ने मुखबिर तंत्र सक्रिय किया तो पता चला कि बदमाश लल्ला परिहार हाल मंे ही बडौनी क्षेत्र में देखा गया था। जिसकी गिरफ्तार के साथ ही सारा राज सामने आ गया।