महंत नरेंद्र गिरि मौत: जिस शिष्य का नाम पुलिस FIR में है दर्ज, उसपर पहले भी लगे हैं गंभीर आरोप, जा चुका है जेल
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प्रयागराज : संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में हुई मृत्यु मंगलवार को भी पहेली बनी रही। इस मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित योग गुरु आनंद गिरि गिरफ्तार कर लिए गए। इससे पहले उनसे लंबी पूछताछ हुई।

सुसाइड नोट में जिम्मेदार ठहराए गए दो अन्य लोग हिरासत में हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार पुलिस ने विशेष जांच टीम (एसआइटी) भी बना दी है। श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में सुबह श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दोषी को कानून के दायरे में सजा दिलाई जाएगी। बुधवार को पांच डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

इसी दिन श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में समाधि भी दी जाएगी। वहीं, सोमवार शाम मठ में लोगों का प्रवेश बंद कराने के साथ ही फोरेंसिंक जांच के बाद पार्थिव शरीर डीप फ्रीजर में रखवा दिया गया। सोमवार आधी रात को महंत के शिष्य अमर गिरि ने जार्जटाउन थाने में योग गुरु आनंद गिरि के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इससे पहले उन्हें हरिद्वार में हिरासत में लेकर उप्र पुलिस को सौंप दिया गया था। मंगलवार दोपहर एक बजे उन्हें प्रयागराज लाया गया।

12 पेज का सुसाइड नोट : सोमवार शाम श्री मठ बाघम्बरी के गेस्ट हाउस स्थित कमरे में नरेंद्र गिरि (60) मृत पाए गए थे। नायलान की रस्सी से बनाए गए फंदे से महंत का शव पंखे के चुल्ले से लटक रहा था। आइजी (प्रयागराज रेंज) केपी सिंह ने प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का बताया था। मौके से सुसाइड नोट भी मिला था। इसे पहले आठ पेज का सुसाइड नोट बताया गया था, लेकिन सोमवार को यह तथ्य सामने आया कि यह 12 पेज का है। आइजी ने इसकी पुष्टि की है। मठ के लेटर पैड पर इसे लिखा गया है।

अनावश्यक बयानबाजी से बचें : सुबह करीब 11 बजे श्रद्धांजलि व्यक्त पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के दुखद निधन से हम सभी दुखी हैं। नरेंद्र गिरि प्रयागराज के विकास को लेकर तत्पर रहते थे। कुंभ में आए श्रद्धालुओं की व्यवस्था और 13 अखाड़ों के बीच समन्वय तथा आए संतों की व्यवस्था के प्रति लगे रहते थे। अनावश्यक बयानबाजी से बचने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि एडीजी जोन, आइजी रेंज व डीआइजी प्रयागराज टीम के रूप में इस घटना की जांच में जुटे हैं। दोषी अवश्य सजा पाएगा। सीबीआइ जांच की मांग के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कुछ भी नहीं कहा।

उन्होंने श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्र पुरी व महंत बलवीर गिरि से अकेले में वार्ता की। भरोसा दिलाया कि वह जैसा कहेंगे सरकार उसके अनुरूप जांच करवाएगी। बता दें कि बलवीर गिरि का नाम उत्तराधिकारी के रूप में भी सामने उभरा है। वहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, संत चाहेंगे तो सरकार सीबीआइ जांच से पीछे नहीं रहेगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी सीबीआइ जांच के लिए पत्र याचिका दायर की गई है।

सुसाइड नोट के महत्वपूर्ण अंश : ‘वैसे तो मैं 13 सितंबर को ही आत्महत्या करने जा रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया। आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक-दो दिन में आनंद गिरि कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से किसी लड़की या महिला के साथ गलत काम करते हुए मेरी फोटो लगाकर वायरल कर देगा, मैंने सोचा कि कहां-कहां सफाई दूंगा, एक बार तो बदनाम हो जाऊंगा। मैं जिस पद पर हूं वह गरिमामयी पद है, सच्चाई का तो लोगों को बाद में पता चलेगा लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं, जिसकी जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके लड़के संदीप तिवारी की होगी।

विदेश में गिरफ्तार- राजस्थान में पैदा हुए आनंद गिरि ने बचपन में ही घर छोड़कर संन्यास अपना लिया था। आनंद की लाइफ स्टाइल भी हमेशा चर्चाओं में रही है। सोशल मीडिया पर भी आनंद काफी ऐक्टिव रहता है। अपने प्रवचन और योग के सिलसिले में आनंद विदेश भी जाता रहा है। 2019 में जब वो जब ऑस्ट्रेलिया में योग सिखाने गया था, तब वहां की दो युवतियों ने उसपर छेड़खानी का आरोप लगाया था। इस आरोप मे उसे जेल भी जाना पड़ा था।

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