सहारनपुर : लखीमपुर खीरी में हुई घटना के विरोध में गुरुवार को सामाजिक न्याय यात्रा निकालकर वहां जा रहे पंजाब के कांग्रेसियों को उप्र में प्रवेश करते ही सहारनपुर के सरसावा में रोक लिया गया। इसपर कांग्रेसियों ने खूब हंगामा किया। उन्होंने अवरोधकों को तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया। पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू समेत 15 लोगों को हिरासत में ले लिया गया। सभी को सहारनपुर के सर्किट हाउस में रखा गया है। विरोध में उनके समर्थक वहीं बैठ गए।
प्रशासन ने पांच लोगों को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दी है। अभी पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया है। लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब से लेकर लखीमपुर खीरी तक सामाजिक न्याय यात्रा निकालने की घोषणा की थी। गुरुवार को यह यात्रा सहारनपुर जनपद में प्रवेश करनी थी।
इसे रोकने के लिए मेरठ जोन के एडीजी राजीव सभरवाल सुबह सहारनपुर पहुंच गए। दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे लगभग 200 गाड़ियों के काफिले के साथ नवजोत सिंह सिद्धू सरसावा में प्रवेश करने लगे। यहां पुलिस ने यात्रा को रोका तो कांग्रेसियों की पुलिस से कहासुनी हो गई।
कांग्रेसियों ने पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ दिया और धक्का मुक्की शुरू कर दी। यात्रा आगे बढ़ने लगी तो एडीजी, कमिश्नर एम लोकेश, जिलाधिकारी अखिलेश सिंह, एसएसपी डा. एस चन्नपा ने खुद कमान संभाली और हाईवे पर दो ट्रक और कुछ बसों को लगवा दिया।
इसके बाद लोग आगे नहीं बढ़ सके। करीब डेढ़ घंटे तक हंगामा चला, जबकि सिद्धू की अफसरों से वार्ता होती रही। इसके बाद सिद्धू ने कार पर खड़े होकर समर्थकों से कहा कि केवल तीन मंत्री और दो विधायक ही खीरी जाएंगे, बाकी विधायक उनके साथ गिरफ्तारी देंगे। इसके बाद एडीजी और एसएसपी ने सिद्धू और कई विधायकों समेत 15 लोगों को हिरासत में ले लिया। पहले इन्हें एक गेस्टहाउस ले जाया गया फिर सरसावा थाने। सिद्धू ने कहा कि यह भाजपा सरकार की हिटलरशाही हैं।

इसका वह तब जवाब देंगे, जब यूपी में कांग्रेस की सरकार बनेगी। लखीमपुर खीरी से लौटने तक सरसावा बार्डर पर डटेंगे समर्थक नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि जब तक सभी मंत्री और विधायक किसानों के परिवारों से मिलकर लखीमपुर खीरी से लौट नहीं आते,
तब तक उनके समर्थक सरसावा बार्डर पर ही रहेंगे। इसके बाद सभी समर्थक सरसावा थाने की शाहजहांपुर चौकी के बराबर में पड़े खाली प्लाट में बैठ गए। अन्य समर्थक बार्डर की शाहजहांपुर चौकी के बाहर बैठे हैं। समाचार लिखे जाने तक कोई मंत्री या विधायक लखीमपुर खीरी के लिए रवाना नहीं हुआ था।