स्टार प्लस के पॉपुलर टीवी शो ‘गुम है किसी के प्यार में’ के मेकर्स लगातार रोमांचक ट्विस्ट और प्लॉट के साथ दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं। विनायक और सावी को लेकर मेजर ड्रामा देखने को मिल रहा है। शो में जगताप की एंट्री के बाद अब विराट के सामने सावी का सच खुलने वाला है।
एपिसोड की शुरुआत में विराट सबको बताता है कि विनायक ने कुछ ही सेकंड में दौड़ पूरी कर ली। हर कोई इसके बारे में जानकर खुश हो जाता है जबकि विराट इसका श्रेय कोच को देता है। भवानी कहती कि उन्हें अब विनायक के लिए साईं की आवश्यकता नहीं है और कहती है कि आखिरकार वे उससे और सावी से छुटकारा पा सकते हैं।
वह ओंकार को देखती है और उसे टिकट लाने और साईं को देने के लिए कहती है, क्योंकि उसे अब नागपुर में रहने की जरूरत नहीं है। पाखी उनकी बातचीत सुनकर चुप हो जाती है।
पाखी ने साई को किया इन्वाइट
इसके बाद पाखी यह कहते हुए टिकट लेती है कि वह इसे साईं को भेज देगी। फिर उसे एक आईडिया आता है और वह विनायक की दौड़ के लिए साईं को बुलाने का फैसला करती है क्योंकि उसे जीतने के लिए उसकी उपस्थिति की जरुरत है।
फिर वह विनायक को खाना खिलाती है जिसपर भवानी कहती है कि पाखी ने फिर से अपने बेटे के लिए व्रत रखा है। फिर विराट कहता है कि विनायक इस रेस को जरूर जीतेगा, तभी विनायक जीतने के बाद मिलने वाले गिफ्ट के बारे में पूछता है। पाखी कहती है कि वह कुछ भी मांग सकता है और वे उसे जरूर पूरा करेंगे। वह सावी से अपने वादे के बारे में सोचता है।
साई को मिला पार्सल
वह विराट से सावी को अपनी बेटी के रूप में अपनाने के लिए कहने का फैसला करता है, ताकि वे साथ रहें। दूसरी ओर साईं को पाखी से एक पार्सल मिलता है तभी उससे कई सवाल करती है।
साई उसके नॉन स्टॉप सवालों पर हंसती है, तभी उसे विराट के साथ अपने खुशी के पलों की याद भी आती है। सावी पार्सल खोलने की जिद करती है और विनायक को सपोर्ट करने के लिए कस्टमाइज्ड टी-शर्ट देखकर दोनों हैरान हो जाते हैं।
विनायक को है साई-सावी का इंतजार
पाखी चव्हाण को कस्टमाइज्ड टी-शर्ट दिखाती है, जिसपर वे सभी विनायक के लिए चीयर करने के लिए उत्साहित हो जाते हैं। वे उसे सनग्लासेज के साथ टोपी पहनाते हैं और विश्वास दिलाते हैं कि वह निश्चित रूप से जीतेगा। इधर विनायक साई और सावी के आने का इंतजार करता है।
इसके बाद प्रिंसिपल दौड़ के बारे में घोषणा करते है और कहते है कि विनायक पहली बार भाग ले रहा है। चव्हाण उसके लिए चीयर करते हैं। जबकि वह साईं का इंतजार करता रहता है।
इधर सावी साई के साथ रेसिंग प्रतियोगिता के लिए अपने घर से निकलती है। उषा साई के इस फैसले की सराहना करती है। दोनों ट्रैफिक में फंस जाते हैं तभी पाखी साईं को जल्दी आने का संदेश भेजती है क्योंकि रेसिंग शुरू होने वाली है। साई और सावी प्रतियोगिता में पहुंचने के लिए भागने लगते हैं साई नीचे गिर जाती है और घायल हो जाती है लेकिन फिर भी भागने की कोशिश करती है।
इधर विनायक की दौड़ शुरू हो जाती है, लेकिन वह दौड़ नहीं पाता और शुरुआती स्थिति में खड़ा रहता है। चव्हाण परिवार उसे देखकर चौंक जाता हैं।
प्रीकैप : विराट और जगताप आपस में झगड़ते हैं। तभी जगताप उसे सच बताता है कि सावी उसकी बेटी है। यह सुनकर विराट चौंक जाता है और जगताप से पीछे हट जाता है। जबकि, साईं सावी के साथ शहर छोड़ने का फैसला करता है। वह ट्रेन के अंदर जाने ही वाली थी कि तभी विराट वहां आ जाता है और दोनों को जाने से रोकने के लिए सावी का हाथ पकड़ लेता है।