नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पात्र अराजपत्रित रेल कर्मचारियों (आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर) को 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) का भुगतान करने की मंजूरी दी है। इस फैसले से लगभग 11.27 लाख अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को लाभ मिलने की संभावना है। यह भुगतान दशहरा/पूजा की छुट्टियों से पहले किया जाएगा, जिससे त्योहार के मौसम से पहले लाखों परिवारों को खुशी मिलेगी।
रेल कर्मचारियों ने यात्री और माल परिवहन सेवाओं के काम-काज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो अर्थव्यवस्था के लिए उत्प्रेरक सिद्ध हुआ है। वास्तव में, रेल कर्मचारियों ने लॉकडाउन अवधि के दौरान भी आवश्यक वस्तुओं जैसे भोजन, खाद, कोयला और अन्य वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित की। रेलवे ने सुनिश्चित किया कि जरूरत वाले क्षेत्र में ऐसी वस्तुओं की कोई कमी न हो।
रेलवे ने पिछले 3 वर्षों में उपयुक्त नीतिगत पहलों के माध्यम से माल ढुलाई में बाजार हिस्सेदारी फिर से हासिल करने और यात्री किराया प्राप्ति बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। परिणामस्वरूप, चालू वर्ष (2022-23) में, रेलवे ने प्राप्तियों में उस स्तर को प्राप्त कर लिया है, जो पहले महामारी के कारण बाधित थी। वित्त वर्ष 2021-22 में रेलवे ने 184 मिलियन टन की वृद्धिशील माल ढुलाई हासिल की,
जो अब तक की सबसे अधिक (कुल 1418 मिलियन टन) है। पीएलबी का भुगतान एक प्रोत्साहन के रूप में काम करेगा और इसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में रेलवे कर्मचारी, विशेष रूप से रेलवे के निष्पादन और संचालन में शामिल लोग, अपनी उत्पादकता में सुधार करने और रेलवे ग्राहकों के लिए सुरक्षा, गति और सेवा सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित होंगे। पीएलबी के भुगतान से आगामी त्योहार के मौसम में मांग को भी बढ़ावा मिलेगा।
रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के पीएलबी के भुगतान का वित्तीय भार 1832.09 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। पीएलबी के भुगतान के लिए निर्धारित वेतन गणना की सीमा 7,000 रुपये प्रति माह है। 78 दिनों के लिए प्रति पात्र रेलवे कर्मचारी को अधिकतम धनराशि 17,951 रुपये देय होगी।