गांव में बंटना था समोसे जलेबी का नाश्ता, पुलिस ने डाल दिया खलल, जानें ऐसा क्या हुआ कि उम्मीदवार पड़े मुसीबत में

उन्नाव। चुनाव में समोसे जलेबी भी उम्मीदवारों की जान आफत में डाल सकते हैं, यह नजारा उप्र के पंचायत चुनाव में देखने को मिला। चुनाव में जीत के लिए उम्मीदवार वो सब कुछ करते हैं जिससे मतदाताओं को लुभाया जा सके। इसके लिए हर तरह का जतन चुनाव के दौरान दिखाई देता है। वो बात अलग है कि इस सबको आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उन पर कार्रवाई भी हो जाती है। उत्तर प्रदेश में इन दिनों पंचायत चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है। कोरोना के कारण जहां उम्मीदवारों पर लगाम कसी हुई है। इसके बावजूद भी उम्मीदवार अपने पक्ष में माहौल तैयार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

पंचायत चुनाव में अमरोहा में रसगुल्लों और बागपत में लड्डू के बाद अब जलेबी और समोसा ने पंचायत उम्मीदवारों को मुसीबत में डाल दिया है। उन्नाव जिले के हसनगंज क्षेत्र में ग्राम प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार के पास से पिचवाड़ा गांव में 2 क्विंटल जलेबी और समोसा जब्त किए गए हैं। इस मामले में उम्मीदवार समेत 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन और महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

हसनगंज के इंस्पेक्टर मुकुल प्रकाश वर्मा ने कहा है कि हमें सूचना मिली थी कि ग्राम प्रधान पद के उम्मीदवार के पति के आदेश पर तैयार किए गए खाद्य पदार्थ मतदाताओं में बांटे जाने थे। हमने छापे मारकर सामान जब्त किया और 10 लोगों को पकड़ा है।

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बता दें कि पिछले सप्ताह अमरोहा में ग्राम पंचायत उम्मीदवार सोहनवीर के पास से 100 किलोग्राम रसगुल्ला जब्त किया गया था, जो कि वह अपने मतदाताओं को बांटने की तैयारी कर रहा था। इसके अलावा बागपत में उम्मीदवार मोहम्मद जब्बार को भारी मात्रा में लड्डू बनाने की सामग्री मिलाने के बाद हिरासत में लिया गया था। उत्तर प्रदेश में 15 अप्रैल से 29 अप्रैल तक 4 चरणों में ग्राम पंचायत चुनाव हो रहे हैं। इनके मतों की गिनती 2 मई को होगी।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भावी प्रत्याशी वोटरों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कोई जलेबी व दूध बांट रहा है तो कोई समोसा और लड्डू खिला रहा है। एक गांव में तो भावी प्रत्याशी ने पूरे गांव में मावे के लड्डू व पेड़ा बांटने की तैयारी कर डाली। उसने काफी मात्रा में मावा और बूरा मंगवाया। मावे में बूरा मिलाने के लिए बुलडोजर और फावड़े की मदद ली।

मिठाई तैयार होने पर पूरे गांव में घर-घर वितरित की गई। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान गांव दर गांव दावतों का दौर जारी है। कहीं मुर्गमुस्सलम व देशी विदेशी दारु तो कही मिठाईयों और चाय पकौडी चल रही है। अजीब बात तो यह है कि जिन लोगों से सामान्य तौर पर बात करना तक पसंद नहीं करते थे, प्रत्याशी बनते ही अब उनकी मिन्नत खुशामद करते नजर आते है।

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