‘अग्नीवीर’ केवल राष्ट्र के ‘सुरक्षावीर’ ही नहीं हैं, बल्कि वे ‘समृद्धिवीर’ भी हैं, जो देश की खुशहाली में अपना योगदान दे रहे हैं – रक्षा मंत्री

 नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अग्निपथ सशस्त्र बलों के लिए एक परिवर्तनकारी योजना है, जो भारतीय सेना को युवा शक्ति, उच्च तकनीक से लैस और अति-आधुनिक दृष्टिकोण के साथ दुनिया में सर्वश्रेष्ठ सैन्य बल बनाने में बल गुणांक के रूप में कार्य करने जा रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह  नई दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय (एमओई) और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमओएसडीई) के साथ समझौता ज्ञापन आदान-प्रदान समारोह के आउटरीच कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशस्त्र बलों को तकनीक से युक्त, पूर्ण रूप से सुसज्जित और युद्ध के लिए तैयार इकाई में परिवर्तित करने के लिए अग्निपथ योजना में किए जा रहे बदलावों के बारे में विस्तार से बताया।

इस कार्यक्रम के दौरान, रक्षा मंत्रालय (एमओडी), शिक्षा मंत्रालय (एमओई), कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमओएसडीई) और तीनों सेनाओं ने विभिन्न हितधारकों के साथ समझौता ज्ञापनों/अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए तथा उनका आदान-प्रदान किया। इस पहल का उद्देश्य सशस्त्र बलों में सेवा करते हुए अग्निवीरों की निरंतर शिक्षा की सुविधा प्रदान करना है, जिससे उनकी विशेषज्ञता/अनुभव के अनुसार उपयुक्त कौशल प्रमाण पत्र का प्रदान कर भावी जीवन सुगम बनाया जा सके। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल (एनआईओएस) और इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) के साथ हुए इन ज्ञापनों/अनुबंधों के तहत अग्निवीरों को क्रमश: 12वीं कक्षा के उपयुक्त प्रमाण पत्र तथा स्नातक की डिग्री प्रदान की जाएगी।

राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और क्षेत्रीय कौशल परिषदों (एसएससी) के सहयोग में सशस्त्र बलों के साथ प्रशिक्षित व तैनात किए जाने के दौरान अग्निवीरों की कार्य संबंधित भूमिकाओं/कौशल सेट को राष्ट्रीय व्यावसायिक मानकों (एनओएस) के साथ मैप किया गया है। इन्हीं योग्यताओं के आधार पर, अग्निवीरों को सशस्त्र बलों से सेवामुक्त होते समय उद्योग जगत के लिए तैयार और उद्योग-स्वीकृत ‘कौशल प्रमाण पत्र’ उपलब्ध कराए जाएंगे।

इस प्रक्रिया को निर्बाध रूप से सुविधाजनक बनाने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के विभिन्न विभागों ने सशस्त्र बलों के साथ बड़े पैमाने पर सहयोग किया है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) द्वारा पुरस्कृत निकाय (एबी) तथा मूल्यांकन एजेंसी (एए) के रूप में दोहरी श्रेणी की मान्यता प्रदान की है। इसके साथ ही, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के तहत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) भी अग्निवीरों को राष्ट्रीय व्यापार प्रमाणपत्र (एनटीसी) जारी करने की सुविधा प्रदान करेगा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि इन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने से अग्निवीर अपनी शिक्षा को समय पर पूरा करने और स्वयं में अतिरिक्त गुण तथा कौशल विकसित करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि जब अग्निवीर इन सभी क्षमताओं से लैस होकर सामाजिक जीवन में वापस लौटेंगे तो वे राष्ट्र निर्माण में अपना अमूल्य योगदान देंगे।

width="500"

रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘अग्नीवीरों’ की सहायता करना हम सभी के लिए जीत की ही स्थिति होगी क्योंकि ‘अग्नीवीर’ न केवल सशस्त्र बलों में अपनी सेवाएं देकर देश के लिए ‘सुरक्षावीर’ का कार्य करेंगे, बल्कि वे देश की समृद्धि व खुशहाली में अपना योगदान देकर ‘समृद्धिवीर’ भी बनेंगे। अग्निवीर अपनी शिक्षा, कौशल, अनुशासन और अन्य गुणों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले तथा पूरे समाज के लिए लाभकारी साबित होंगे। इसके अलावा, वे अन्य युवाओं को अग्निवीर बनने के लिए प्रेरित भी करेंगे।

रक्षा मंत्री ने विभिन्न सेवाओं में अग्निवीरों को सहयोग देने के लिए रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, रेल मंत्रालय, राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र की सराहना की। उन्होंने अन्य मंत्रालयों, राज्य सरकारों तथा निजी क्षेत्र से और अधिक उत्साह के साथ आगे आने का आह्वान किया, ताकि जहां तक संभव हो सके वहां तक अग्निवीरों को नए-नए अवसर प्रदान किये जाएं। सिंह ने राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले इन अग्निवीरों को नए अवसर प्रदान करना व्यवस्था की जिम्मेदारी बताया।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक वीडियो संदेश में कहा कि ये समझौता ज्ञापन/अनुबंध सेवारत अग्निवीरों को उनकी विद्यालयी शिक्षा और कौशल विकास से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए सशक्त व सक्षम बनाएंगे। उन्होंने कहा कि एनओएस अग्निवीरों को 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण करने में मदद करेगा, जबकि विश्वविद्यालय में नामांकित अग्निवीर सामान्य उच्च अध्ययन के 50% पाठ्यक्रम को पूरा कर सकते हैं, बाकी का क्रेडिट रक्षा संस्थानों द्वारा प्रदान किए गए कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से अर्जित किया जा सकता है। अग्निवीर इग्नू से स्नातक की डिग्री हासिल कर सकते हैं और आवश्यक क्रेडिट के साथ दो साल का कोर्स पूरा करने के बाद अग्निवीर डिप्लोमा प्राप्त कर सकते हैं। ये डिग्रियां अग्निवीरों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार एवं उच्च शिक्षा प्राप्त करने में पूरी मदद करेंगी।

सरकार ने 15 जून, 2022 को अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवारों को अग्निवीर के रूप में चार साल की अवधि के लिए देश तीनों सेनाओं के ‘अधिकारी के रैंक से नीचे’ कैडर में भर्ती किया गया। 17.5 से लेकर 21 वर्ष की आयु के बीच के उम्मीदवार इस योजना के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। इन अग्निवीरों को अनुकूलित बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण और विशेष व्यापार प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा, जिसके बाद उनकी आवश्यकतानुसार अप-स्किलिंग पाठ्यक्रम भी कराए जायेंगे।

अग्निपथ योजना युवा शक्ति को अग्निवीरों में परिवर्तित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है और साथ ही यह योजना युवाओं को सशस्त्र बलों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करने के अपने स्वप्न को साकार करने की सुविधा देती है। अग्निपथ योजना के माध्यम से युवाओं को सम्मानित होने का एक अवसर प्राप्त होगा तथा इससे नाम, नमक एवं निशान के प्रति निष्ठा को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही अग्निवीरों को राष्ट्र निर्माता के रूप में आकार मिलेगा।

अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में सेवा करते हुए उपयुक्त शैक्षणिक योग्यता और कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण रहा है। यह विशेषकर उन अग्निवीरों की मदद करने के लिए एक व्यापक पहल है, जो अन्य सरकारी संगठनों, उद्योग जगत या यहां तक कि स्टार्टअप उद्यमियों के रूप में कोई अन्य अपना दूसरा करियर विकल्प शुरू करना चाहते हैं।

इस समारोह में रक्षा मंत्रालय और विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल थे।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter