डेढ़ साल बाद खुले स्कूल, 50% क्षमता के साथ चलेंगी कक्षाएं; टीचरों का 100% वैक्सीनेशन जरूरी

दतिया. लगभग डेढ़ साल के बाद बुधवार को सरकारी व निजी स्कूल फिर से शुरू हुए। स्कूलों में लंबे समय बाद पहुंचने पर जहां शिक्षकों में भी कौतूहल था, वही जिले भर के स्कूलों में बच्चों ने भी जोश-खरोश के साथ स्कूल में प्रवेश किया। इस दौरान करीब 30 फीसद शिक्षकों की अनुपस्थिति रही। इनमें से वे शिक्षक शामिल है जिनका कोरोना का टीकाकरण नहीं हुआ है। इसके अलावा वे शिक्षक भी नहीं आए जो टीकाकरण की ड्यूटी कर रहे हैं । लभगभ दस हजार विद्यार्थी बच्चे जिले भर में बुधवार को स्कूल पहुंचे। कई विद्यार्थी अभिभावकों का अनुमति पत्र भी पहले दिन नहीं लाए थे।

इस नये शिक्षा सत्र में कक्षा 6 से लेकर आठवीं तक के लगभग 10 हजार विद्यार्थी स्कूल पहुंचें। जिले के 678 से अधिक प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में नए शिक्षा सत्र की तैयारियां की गई थी। बता दें कि 9 वीं से 12 वीं की कक्षाएं पूर्व में प्रारंभ हो गई थी। जिले में मिडिल स्कूल के लगभग 1100 शिक्षक हैं और प्राथमिक स्कूलों में 2200 शिक्षक हैं।

इनमें से 30 फीसदी शिक्षक टीकाकरण नहीं होने और वैक्सीनेशन ड्यूटी के कारण होने से स्कूल नहीं पहुंच सके। डीपीसी राजेश पैकरा ने जानकारी में बताया कि नए शिक्षा सत्र में कक्षा छह से लगाकर आठवीं तक लगभग 39 हजार विद्यार्थी अध्यनरत है, पहले दिन बच्चों की संख्या कम रही है।

जो बाद में बढ़ने की उम्मीद है। जो विद्यार्थी स्कूल आए उन्हें अपने अभिभावक का सहमति पत्र भी साथ में लाना होगा। उसके बाद ही उन्हें स्कूल में प्रवेश दिया गया है। साथ शिक्षकों का टीकाकरण के दोनों डोज भी स्कूल आने से पूर्व जरूरी किया गया है। गणवेश व किताबों का वितरण घर-घर जाकर किया गया था। अब गणवेश व किताबें विद्यार्थियों को स्कूल में ही वितरित करने का काम किया जाना शुरू कर दिया है। पहले दिन भी कई स्कूलों किताबें विररित की गई।

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