Datia News : दतिया । बुधवार सुबह भी सेवढा़ में सिंध का प्रकोप कम नहीं हुआ। सनकुआं घाट पर बना बड़ा पुल भी टूटकर बह गया। यह पुल सेवढ़ा से ग्वालियर की ओर जाने वाले मार्ग से जुड़ा हुआ था। जो पानी के तेज बहाव के कारण बह गया।
सिंध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिसके कारण चारों तरफ पानी पानी दिखाई देने लगा है। इस दौरान पुलिस व प्रशासनिक अमला लगातार बचाव कार्य में जुटा रहा।
गत मंगलवार को रतनगढ़ माता मंदिर के निकट वाला पुल तथा लांच-पिछोर के सिंध में बह जाने के बाद अगले दिन भी सिंध उफान कम नहीं हुआ। नदी के तेज बहाव के कारण बुधवार सुबह सनकुआं के पास बना बड़ा पुल भी पानी में बह गया। जिसके कारण पुल के सिर्फ दोनों ओर के छोर ही दिखाई दे रहे थे।
दतिया जिले का संपर्क तीन तरफ से टूट गया है। सिर्फ झांसी मार्ग ही चालू है। वहीं सिंध नदी किनारे बसे गांव सुनारी, पाली, भरसूला, तिलेथा, उचाड़, लांच, अंडोरा, बिलासपुर, खैरोनाघाट, कुलैथ, रूरा, चकबैना, बरा बुजुर्ग, पचेरा बुजुर्ग, कंजौली को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है। इन क्षेत्रों के ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया।
सेवढ़ा का ग्वालियर-भिंड से टूटा संपर्क
सनकुआं के पास बने इस बड़े पुल के बुधवार सुबह पानी में बह जाने के कारण सेवढ़ा का ग्वालियर और भिंड संपर्क टूट गया है। इस तरह से दतिया जिले का सेवढ़ा ब्लाक पूरी तरह से अासपास के क्षेत्रों से कट गया है। यहां पर राहत और राशन सामग्री अब मोटर वोट और हेलीकाप्टर के द्वारा की पहुंचाई जा रही है।
बताया जाता है कि इस क्षेत्र में लगभग 50 हजार लोग हैं जो अब कहीं आ-जा नहीं सकते। एसडीएम अनुराग निंगवाल के अनुसार सेवढ़ा में कई मकान और तीन पुल टूटे हैं। लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई है।
सेना, पुलिस और प्रशासन ने संभाल रखा है मोर्चा
सिंध नदी के बढ़ते जलस्तर और मणिखेड़ा बांध के गेट खुले होने के कारण दतिया व सेवढ़ा ब्लाक के कुल 42 गांवों में अफरा तफरी मची हुई है। कुछ गांवों में अभी भी लोग अपने घरों की दूसरी मंजिल पर ही हैं। जिन्हें हेलीकाप्टर के माध्यम से राशन व राहत सामग्री बांटी जा रही है।
दतिया के ओरीना और सेवढ़ा क्षेत्र का पाली गांव पूरी तरह से डूब गए हैं। सुनारी सहित दर्जन भर अन्य गांव भी बाढ़ की चपेट में हैं। इन्हें भी खाली करा लिया गया है। मंगलवार रात सुनारी पहुंची सेना की टुकड़ी ने वहां बाढ़ फंसे लोगों को रेस्क्यू कर मोटर वोट व हेलीकाप्टर की मदद से निकाला।
इस दौरान करीब 46 लोग जो पानी में फंसे हुए उन्हें निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इधर दूसरी ओर बडौनी में जीप नहीं जाने के कारण पुलिस बल के साथ थाना प्रभारी ने खुद ट्रेक्टर चलाकर डूब क्षेत्र में जाकर बचाव कार्य किया।
ग्वालियर और दतिया पुलिस के बीच हुआ विवाद
नेशनल हाईवे क्रमांक 75 पर गोराघाट स्थित पुल पर डीएसपी सुमित अग्रवाल पुलिस बल के साथ तैनात थे। डबरा की तरफ से पुराने पुल पर कुछ वाहन और व्यक्ति छोड़े जाने के बाद यहां विवाद जैसी स्थिति बन गई। इसके बाद एसडीओपी सुमित अग्रवाल ने तुरंत कंट्रोल रुम व ग्वालियर एसपी को सूचित किया। तब जाकर लोग रुके।
पुल की स्थिति अभी भी खतरनाक बनी हुई है। डबरा और दतिया के दोनों तरफ मार्गों पर हजारों वाहन ट्रक खड़े हुए हैं। जो पिछले 12 से 16 घंटे से एक ही जगह पर हैं। ट्रकों के साइड में ही चालक क्लीनर खाना बनाकर खा पी रहे हैं। स्थानीय लोगों ने भी उनकी मदद करना शुरू कर दी है।
इसके अलावा दतिया पुलिस भी मदद के लिए आगे आई है। ग्वालियर से दतिया जाने वाले मार्ग पर बुधवार दोपहर 1 बजे करीब में कुछ दो पहिया वाहन और पैदल महिलाओं और पुरुषों को डबरा की तरफ से छोड़ दिए जाने को लेकर ग्वालियर वह दतिया पुलिस पर विवाद की स्थिति बन गई थी।
तीन जगह रोका गया आवागमन
दतिया जिले में ग्वालियर-झांसी नेशनल हाइवे पर डबरा-दतिया पुल की खतरनाक स्थिति को लेकर तीन अलग-अलग जगह आवागमन रोक दिया गया है। जहां पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। नेशनल हाइवे पिछले 20 घंटों से पूरी तरह से खाली है। डबरा सिंध पुल पर लोगों का हुजूम लगा हुआ है।
इसी बीच में दो एम्बुलेंस भी इस जाम में फंस गई थी। जिनमें दतिया के दो गंभीर बीमारों को ग्वालियर ले जाया जा रहा था। पुल की स्थिति कमजोर होने के कारण इन दोनों एंबूलेंस को ग्वालियर नहीं जाने नहीं दिया गया। इसके बाद उनके स्वजनों से बात करने के बाद मरीजों को झांसी रवाना किया गया।
बसई में ठप हुई बिजली सप्लाई
लगातार बारिश के बाद बसई क्षेत्र में भी हालात बिगड़ने लगे हैं। यहां करीब दो दिन से बिजली सप्लाई ठप पड़ी होने के कारण ग्रामीण परेशानी में है। मोबाइल तक चार्ज न हो पाने की िस्थति के कारण लोगों का अन्य आसपास की जगह से संपर्क टूट गया है। वहीं रेलवे अंडर ब्रिज में पानी भर जाने के कारण बसई क्षेत्र का पिछोर, खनियाधाना सहित अन्य आसपास के इलाकों से संपर्क कट गया है।