सीहोर : सीहोर के 2 अतिमहत्वाकांक्षी उच्च शिक्षित व्यक्ति मुख्यमंत्री निवास और मुख्य सचिव कार्यालय के टेलीफोन नम्बरों का अत्याधुनिक तकनीकी से फर्जी इस्तेमाल कर प्रतिष्ठित लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे। भोपाल पुलिस की सक्रियता से साइबर क्राइम में संलिप्त सीहोर निवासी 38 वर्षीय एलम सिंह पिता गेंदालाल परमार और 31 वर्षीय देवनारायण पिता परशराम रघुवंशी को धर-दबोचा है। कुख्यात ठग सुकेश चन्द्रशेखर के नक्शे कदम पर चलते हुए ये दोनों एलबीएस अस्पताल के संचालक से एक करोड़ 10 लाख रूपये की ठगी की कार्य-योजना बनाते धरे गये हैं।
पुलिस आयुक्त भोपाल मकरंद देऊस्कर से प्राप्त जानकारी अनुसार दोनों शातिर अपराधी प्रतिष्ठित नम्बरों का उपयोग अपने शिकार पर धौंस जमाने में कर रहे थे। जानकारी मिलने पर साइबर एवं क्राइम ब्राँच के अधिकारियों की 4 टीमों का गठन किया।
पुलिस उपायुक्त अपराध अमित कुमार एवं अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त शैलेन्द्र सिंह चौहान द्वारा सहायक पुलिस आयुक्त शिवपाल सिंह कुशवाह सहित तकनीकी एवं धर-पकड़ टीमों का गठन किया गया। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में सम्पूर्ण ऑपरेशन का सफलतापूर्वक संचालन कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर ठगी के शिकार के फोन पर फर्जी नम्बर डिस्प्ले कर अस्पताल के खिलाफ छापे की कार्यवाही का डर दिखा कर अड़ीबाजी के अनोखे मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। जानकारी में बताया गया है कि करोड़पति बनने की चाह में अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर और केम्ब्रिज कॉन्वेंट स्कूल के संचालक एलम सिंह और बॉयो टेक्नालॉजी से बीएससी करने वाले हार्डवेयर व्यवसाई देवनारायण ने शार्टकट अपनाते हुए ठगी का रास्ता चुना।
उन्होंने फर्जी कॉल करने के लिये चीन, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे कई देशों के सर्वरों का इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं, दोनों ने फर्जी तरीके से कॉलिंग करने के लिये चाणक्यपुरी कंचन मार्केट भोपाल नाके पर कमरा किराये पर लेकर फर्जी कॉल करने का प्रशिक्षण भी लिया।
पुलिस आयुक्त भोपाल देऊस्कर ने बताया कि सायबर और क्राइम के तकनीकी विश्लेषण के बाद आरोपियों के विरुद्ध धारा-417, 419, 465, 468, 385, 389, भारतीय दण्ड विधान-66 (सी) आईटी एक्ट में अपराध पंजीबद्ध किया गया है। आरोपियों से पूछताछ एवं जप्ती की कार्यवाही की जा रही है। शीघ्र ही आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश कर रिमाण्ड पर लिया जायेगा।