भोपाल : किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि आत्म-निर्भर भारत के निर्माण में किसानों का योगदान अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। कृषि मंत्री पटेल भोपाल में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भू-उर्वरता को बनाए रखने के लिए हर खेत मिट्टी परीक्षण एंबुलेंस प्रयोगशाला सेवा शुरू की जा रही है। अपर मुख्य सचिव कृषि अशोक वर्णवाल, अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी जे.एन. कंसोटिया, संचालक कृषि प्रीति मैथिल नाईक, एमडी मंडी बोर्ड रश्मि, सीजीएम नाबार्ड एम.डी. मल्होत्रा और कृषि उत्पादक समूह के किसान मौजूद रहे।
कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत निर्माण के संकल्प को पूरा करने मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार निरंतर कार्य कर रही है। हमारा देश कृषि प्रधान देश है। आत्म-निर्भर भारत निर्माण में कृषि और किसानों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
हमारी अर्थ-व्यवस्था कृषि आधारित रही है। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए राज्य सरकार निरंतर किसान कल्याणकारी योजनाएँ बना कर संचालित कर रही है। कृषि में रासायनिक खाद के अत्यधिक प्रयोग से खेत की मिट्टी का क्षरण हो रहा है।
राज्य सरकार ने मिट्टी क्षरण को रोकने के लिए किसान के खेत की मिट्टी का परीक्षण करने “हर खेत मिट्टी परीक्षण एम्बुलेंस प्रयोगशाला सेवा” शुरू करने जा रही है। खेत एंबुलेंस में कृषि वैज्ञानिक के साथ कृषि अधिकारियों की टीम रहेगी, जो किसान के खेत में पहुँच कर ऑन स्पॉट यह बताएगी कि खेत की मिट्टी में कितना रासायनिक खाद उपयोग करना है और कितना नहीं करना है।
किसानों को मिल रही हैं सवा 2 लाख करोड़ रूपए की सब्सिडी : कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि वर्ष 2019- 20 में केन्द्र सरकार 71 हजार करोड़ रूपए की सब्सिडी देती थी। अब यह बढ़ कर सवा दो लाख करोड़ रूपए हो गई है। पहले डीएपी की बोरी 19 सौ रूपए में मिलती थी। जिसमें किसान को 700 रूपए की सब्सिडी मिल रही थी। अब डीएपी 3900 रूपए प्रति बोरी है, जिसमें सरकार 2700 रूपए सब्सिडी दे रही है।