पेसा एक्ट से होगा जनजातीय समुदाय का आर्थिक-सामाजिक सशक्तिकरण : शिवराज , अब ग्राम सभा की अनुमति के बिना नई शराब दुकान नहीं खुलेगी


भोपाल  : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पेसा एक्ट जनजातीय भाई-बहनों की आर्थिक, सामाजिक उन्नति और उन्हें सशक्त एवं अधिकार सम्पन्न बनाने के लिये लागू किया गया है। यह एक्ट समाज के सभी नागरिकों के हित में है। किसी भी गैर-जनजातीय समाज के नागरिक के खिलाफ नहीं है। पेसा एक्ट अनुसूचित क्षेत्र में गाँव में लागू होगा, यह एक्ट शहर में लागू नहीं होगा। हमारे जो भी जनजातीय भाई-बहन विकास की दौड़ में पीछे रह गये हैं, पेसा एक्ट उन्हें मजबूत बनायेगा।

मुख्यमंत्री धार जिले के कुक्षी में पेसा जागरूकता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। यहाँ उन्होंने 4 जनपद की 40 ग्राम पंचायत के सरपंचों से चारपाई पर बैठ कर पेसा एक्ट के नियमों के संबंध में संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कुक्षी से क्रान्तिसूर्य जननायक टंट्या भील गौरव यात्रा को पूजन के बाद रवाना किया और यात्रा में स्वयं शामिल भी हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल, जंगल और जमीन पर सबका अधिकार होना चाहिये। पेसा एक्ट के नियमों के अनुसार अब पटवारी और वन विभाग के बीट गार्ड को गाँव की जमीन का नक्शा, खसरा, बी-1 नकल वर्ष में एक बार गाँव में लाकर ग्राम सभा में दिखाना होगा, जिससे जमीन के रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी न कर सके। यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो ग्राम सभा को रिकॉर्ड को सुधारने की अनुशंसा करने का अधिकार होगा। पटवारी को ग्राम सभा की बैठक में भूमि संबंधी डिटेल्स पढ़ कर सुनानी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा एक्ट के नियम में प्रावधान है कि शासन की योजना के किसी भी प्रोजेक्ट में किये जाने वाले सर्वे और भू-अर्जन के लिये ग्राम सभा की अनुमति आवश्यक होगी। किसी भी जनजातीय नागरिक की भूमि छल-कपट और बलपूर्वक अब कोई हड़प नहीं सकेगा।

यदि कोई ऐसा करता है, तो ग्राम सभा को उसे वापस करवाने का अधिकार रहेगा। उन्होंने कहा कि बहला-फुसला कर धर्मान्तरण कराने और फिर जनजातीय समाज की जमीन हड़प लेने की कोशिश नहीं होने दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज की खदान, जिसमें रेत, गिट्टी पत्थर की खदान शामिल है, के ठेके देना है या नहीं, इसका निर्णय ग्राम सभा द्वारा किया जायेगा। खदान पर पहला अधिकार सोसायटी, फिर गाँव की बहन-बेटी और उसके बाद पुरुष का होगा।

सिंचाई तालाबों का प्रबंधन ग्राम सभा करेगी : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने गाँव-गाँव में तालाब बनवाये हैं। इन तालाबों का पूरा प्रबंधन ग्राम सभा करेगी। ग्राम सभा तय करेगी कि तालाब में मछली पाले या नहीं। तालाब से जो आमदनी होगी, वह ग्राम सभा को मिलेगी। सौ एकड़ कृषि क्षेत्र में सिंचाई करने वाले तालाब का प्रबंधन अब सिंचाई विभाग नहीं ग्राम सभा करेगी।

 जंगल से मिलने वाली वनोपज पर ग्राम सभा का अधिकार : मुख्यमंत्री ने कहा कि गाँव की सीमा के जंगल में होने वाली वनोपज- महुआ, हर्रा, बहेरा आदि के संग्रहण और बेचने और भाव तय करने का अधिकार ग्राम सभा के पास होगा। तेन्दूपत्ता को तोड़ने और बेचने का अधिकार ग्राम सभा को दिया गया है। इसमें सरकार का किसी भी प्रकार का दखल नहीं रहेगा। सरकार यह काम तभी करेगी, जब ग्राम सभा चाहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि तेन्दूपत्ता यदि इस साल तोड़ना चाहते हैं, तो शीघ्र ही 15 दिसम्बर तक ग्राम सभा को प्रस्ताव पारित करना होगा।

ग्राम विकास का निर्णय ग्राम सभा लेगी : मुख्यमंत्री  ने कहा कि ग्राम सभा ही ग्राम विकास की कार्य-योजना बनायेगी। ग्राम सभा की अनुमति के बाद ही ग्राम पंचायत को मिलने वाली राशि खर्च की जा सकेगी। काम के लिये गाँव से बाहर जाने वाले श्रमिक को पहले ग्राम सभा में यह बताना होगा कि वह कहाँ काम करने जा रहा है, उस स्थान का पता लिखाना होगा, जिससे कि उस श्रमिक के हितों का ध्यान ग्राम सभा रख सके। यदि कोई बाहर का व्यक्ति गाँव में आता है, तो उसे भी ग्राम सभा को सूचित करना होगा। श्रमिकों को पूरा पारिश्रमिक मिले, इसका ध्यान भी ग्राम सभा रखेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में केवल लायसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर पैसा उधार दे सकेंगे। इसकी जानकारी भी ग्राम सभा को देनी होगी। अधिक ब्याज लेने पर संबंधित साहूकार पर कार्यवाही होगी।

ग्राम सभा की अनुमति के बिना नई शराब दुकान नहीं खुलेगी : मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम सभा की अनुमति के बिना शराब और भांग की नई दुकान नहीं खुल सकेगी। किसी शराब दुकान को हटाने की अनुशंसा ग्राम सभा कर सकेगी। यदि शराब की दुकान के पास स्कूल, अस्पताल और धर्मशाला है, तो ग्राम सभा उस शराब दुकान को वहाँ से हटाने की अनुशंसा सरकार को भेज सकेगी। ग्राम सभा को अवैध रूप से संचालित शराब की दुकानों पर कार्यवाही करवाने का अधिकार रहेगा।

ग्राम सभा सुलझाएगी छोटे झगड़े : मुख्यमंत्री  ने कहा कि गाँव में शांति एवं विवाद निवारण समिति बनेगी और गाँव के छोटे-मोटे झगड़े थाने नहीं जायेंगे, उन्हें अब ग्राम सभा में ही सुलझाया जायेगा। गाँव के किसी व्यक्ति के विरुद्ध थाने में एफआईआर दर्ज करने के पहले पुलिस को ग्राम सभा को बताना होगा।

स्कूल-आँगनवाड़ी के निरीक्षण का अधिकार ग्राम सभा को : मुख्यमंत्री  ने कहा कि पेसा एक्ट ने ग्राम सभा को अधिकार दिया है कि वह आँगनवाड़ी, स्कूल, आश्रम, छात्रावास का निरीक्षण करे और इनके काम ठीक से संचालित कराएँ।

मुख्यमंत्री ने दिलाया संकल्प : मुख्यमंत्री ने उपस्थित जन-समूह को प्रेम, शांति और सद्भाव के साथ पेसा एक्ट के अधिकार लागू करने का संकल्प दिलाया।

सांसद  व्ही.डी. शर्मा, सांसद  छतर सिंह दरबार, राज्य सभा सांसद  सुमेर सिंह सोलंकी, सांसद  गजेन्द्र सिंह पटेल, पूर्व मंत्री रंजना बघेल और अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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