कोरोना को लेकर सामने आए चौंकाने वाले तथ्य, कांटेक्ट ट्रेसिंग में पता चला किस तरह फैला शहर से गांव तक संक्रमण

बुधवार को निकले 50 नए संक्रमित

दतिया । जिले में बड़े स्तर पर संक्रमित मरीजे निकलने के कारण दतिया में जिला अस्पताल ने फीवर क्लिनिक के साथ कांटेक्ट ट्रेसिंग प्रणाली भी अपनाई। जिसमें आश्चर्य की बात यह है कि एक-एक मरीज ने 10 से लेकर 25 तक लोगों संक्रमित किया है। इसमें हनुमानगढ़ी, सोनगिर, बीकर जैसे गांव में बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज निकले हैं। इंदौर से दतिया आकर रह रहे मरीज जिसकी मौत ग्वालियर में इलाज के दौरान हुई थी, उसकी कांटेक्ट ट्रेसिंग की सैपलिंग करवाई गई, तो पता चला कि 17 लोग संक्रमित हुए है।

जानकारी के अनुसार जिले में हॉस्पिटल अथवा फीवर क्लिनिक पहुंचने वाले संक्रमित 30 से 33 फीसद है, जबकि कांटेक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से 67 से 70 फीसद संक्रमितों का पता चला है। कोरोना के नोडल अधिकारी डा.हेमंत मंडेलिया ने बताया कि सर्वाधिक कांटेक्ट ट्रेसिंग जिले में की जा रही है। पहले यह 45 फीसद तक थी अब इस ट्रेसिंग को बढ़ाकर लगभग 70 फीसद तक कर दिया गया है। इस कारण संक्रमण फैलने का पता चल रहा है। इनमें सर्वाधिक बाहर से आए लोगों ने जिले को संक्रमण परोसा है। उन्होंने बताया कि सोनागिर, स्थानीय हनुमानगढ़ी व राजघाट कालोनी तथा बीकर नवोदय विद्यालय में एक मरीज के कारण 15-15 लोग संक्रमित हुए हैं। कहीं-कहीं तो एक मरीज के कारण 25 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं, जो कि कांटेक्ट ट्रेसिंग के दौरान उजागर हुए है।

स्थानीय दारूगर की पुलिया 14 वार्ड सर्वाधिक संक्रमित है। जिसमें प्रशासन ने टीकाकरण करवाया है। उन्हीं क्षेत्रों में तेजी से संक्रमण फैला है। फीवर क्लीनिक और जिला अस्पताल में औसत 35 से फीसद ही सैंपलिंग के लोग आए है। इनमें 22 से 27 लोग संकमित निकले रहे है। कांटेक्ट ट्रेसिंग प्रतिदिन दो सौ से अधिक लोगों की जा रही है इसी कांटेक्ट ट्रेसिंग में 90 फीसद लोग संक्रमित निकल रहे हैं।

Banner Ad

कंटेनमेंट जोन के नियमों का पालन आवश्यक

कोरोना नोडल अधिकारी बताते हैं कि जिन क्षेत्रों में संक्रमण सर्वाधिक पाया गया है, हमने उनके परिवार के सदस्य, आसपास के लोग, कार्यालय तथा उनके यहां आने जाने वाले लोगों का सैपलिंग की है। संक्रमण के बाद इन मरीजों को होम आइसोलेट में किया जाकर कंटेनमेंट जोन बनाए हैं। यदि कंटेनमेंट जोन का पालन ठीक से नहीं किया गया तो परिणाम बहुत ही घातक होंगे। इन मरीजों को कंटेनमेंट जोन का पालन करना जरुरी है। कांटेक्ट ट्रेसिंग के सैपलिंग से भी यह बात सामने निकलकर आई है।

अब गांवों में बढ़ने लगा है संक्रमण

गांव से शहर आने वाले ग्रामीण जिनमें सब्जी विक्रेता, दूध विक्रेता तथा अपनी फसल बेचने अथवा कोई सामान लेने वाले जो किसान या ग्रामीण शहर में आ रहे हैं वे सर्वाधिक संक्रमित हुए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग के दौरान यह पता चला है कि वे किसी संक्रमित से मिले थे। भांडेर के एक गांव में इस सीजन का जो पहला संक्रमित आया था, वह दतिया के स्थानीय किराना व्यवसायी के संपर्क में था, जो पूर्व से संक्रमित था और उसे भी इस बात का पता नहीं चला था। इसके मामले के बाद ही कांटेक्ट ट्रेसिंग में भांडेर क्षेत्र के कई मामले निकले थे। वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 400 लोगों की सैपलिंग की जा रही है। पूर्व में यह सैंपलिंग प्रतिदिन ढाई सौ तक की जा रही थी। सैपलिंग बढ़ाने के परिणाम सामने भी आ रहे है।

बुधवार को निकले 50 नए संक्रमित

बुधवार को फिर कोरोना विस्फोट हुआ। कोरोना की जांच रिपोर्ट में 50 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। जिनमें अधिकांश शहरी क्षेत्र के हैं। मंगलवार को आई जांच रिपोर्ट में एक साथ 73 संक्रमित मरीज सामने आए थे। जिसके बाद से शहर में कंटेंनमेंट जोन बनाने की तैयारी शुरू की गई। कई गली व मोहल्लों में बेरीकेड्स लगाए गए हैं। ताकि संक्रमण की आगे िस्थति न बढ़े। पिछले तीन-चार दिनों में जिस तरह से कोरोना मरीज सामने हैं उससे लोगों में दहशत बढ़ने लगी है। इधर प्रशासन कोरोना गाइड लाइन का पालन कराने में पूरी तरह जुटा हुआ है।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter