Datia news : दतिया । डाक्टरों की हड़ताल को देखते हुए सीएम से निर्देश मिलते ही कलेक्टर संजय कुमार जिला चिकित्सालय पहुंचे। जहां उन्होंने मरीजों के उपचार के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए जिला प्रशासन के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी। कलेक्टर ने जिला अस्पताल प्रबंधन को हिदायत दी कि यदि कोई मरीज जिला अस्पताल में गंभीर स्थिति में आता है तो तत्काल उसे झांसी मेडीकल में उपचार के लिए भेजा जाएं।
इसके लिए कलेक्टर ने एम्बुलेंस को तैयार रखने के निर्देश भी दिए। व्यवस्थाओं को देखते एक कंट्रोल रूम भी जिला अस्पताल में तैयार कराया गया। जहां अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय को इसकी मानीटरिंग करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस हड़ताल के कारण इंदरगढ़, सेवढ़ा व भांडेर अस्पतालों में सन्नाटा पसरा रहा। मरीजों को बिना उपचार ही बैरंग लौटना पड़ा।
आयुष डाक्टरों को सौंपी जिम्मेदारी : कलेक्टर ने इस दौरान पीजी कालेज, होमगार्ड, आदिम जाति, अतिरिक्त सीईओ जिला पंचायत सहित अन्य अमले को जिम्मेदारियां बांटी।
वहीं आयुर्वेद डाक्टरों को वैकल्पिक स्वास्थ्य सेवाओं की जिम्मेदारी दी गई। इसके साथ ही बांड पर कार्य करने वाले डाक्टर व रिटायर हो चुके डाक्टरों को भी मरीजों के उपचार व्यवस्था के लिए लगाया गया। इस दौरान सीएमएचओ डा.आरबी कुरेले, सिविल सर्जन केसी राठौर, एसीईओ धनंजय मिश्रा सहित अन्य अधिकारीगण भी मौजूद रहे।
शहर के निजी अस्पतालों में भी बेड रखे तैयार : कलेक्टर संजय कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल में भी प्रबंधन के लिए एनसीसी व एनएसएस के बच्चों को भी देखरेख के लिए बुलाया गया। जो यह घूमकर देखरेख करते रहे कि किसी मरीज को कोई परेशानी तो नहीं हो रही।
इसके साथ ही शहर के तीन निजी अस्पताल बुंदेलखंड हास्पिटल, लाडो रतन और कृष्णा अस्पताल के प्रबंधकों से बात कर कलेक्टर ने वहां ऐसे मरीज जिन्हें भर्ती करने की आवश्यकता होगी, उनके लिए बेड की व्यवस्था रखने को कहा।
इसके लिए बुंदेलखंड अस्पताल में 25 बेड, लाडो रतन व कृष्णा अस्पताल में 20-20 बेड उपलब्ध रखने को कहा गया। साथ ही इन अस्पतालों से अपने डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ से उपचार सेवा का इंतजाम रखने की भी बात की गई। कलेक्टर ने बताया ऐसे मरीजों के इलाज का खर्चा सरकार द्वारा उठाया जाएगा।