नई दिल्ली। केंद्र सरकार की स्मार्ट मीटरिंग नीति देश की बिजली वितरण व्यवस्था को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। पुनर्गठित वितरण क्षेत्र स्कीम (आरडीएसएस) और अन्य योजनाओं के अंतर्गत अब तक देशभर में 4.76 करोड़ से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। राज्यों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के आधार पर इस योजना में कुल 20.33 करोड़ स्मार्ट मीटर की मंजूरी दी गई है।
सरकार के अनुसार, स्मार्ट मीटरों की स्थापना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर की जा रही है, जिसमें उन्नत मीटरिंग अवसंरचना सेवा प्रदाता (AMI-SP) आपूर्ति, स्थापना, रखरखाव और संचालन के लिए जिम्मेदार हैं। ऊर्जा मंत्रालय द्वारा इस क्षेत्र में स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ प्रावधानों के तहत न्यूनतम 60 प्रतिशत स्थानीय कंटेंट अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा, ऊर्जा प्रबंधन से जुड़े HES और MDM सिस्टम में 100 प्रतिशत स्थानीय सामग्री की बाध्यता 1 जनवरी 2025 से लागू हो गई है।
स्मार्ट मीटरिंग का सबसे बड़ा लाभ बिजली उपभोक्ताओं को वास्तविक समय में अपनी ऊर्जा खपत का डेटा प्राप्त होना है। वितरण कंपनियों के लिए यह प्रणाली ऊर्जा लेखांकन, ऑडिट और बिलिंग दक्षता बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही है। साथ ही, प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को बजट नियंत्रण में मदद करते हैं जबकि वितरण कंपनियों को बिलिंग वसूली में सुधार मिलता है।
बिजली नेटवर्क के आधुनिकीकरण के लिए आरडीएसएस के तहत SCADA और DMS जैसे आधुनिक आईटी सिस्टम स्वीकृत किए गए हैं, जिनसे ग्रिड की निगरानी, खराबी पर त्वरित प्रतिक्रिया और कटौती में कमी आ सकेगी। ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में आधुनिक सबस्टेशन, ट्रांसमिशन लाइनें और भूमिगत केबलिंग जैसे कार्यों को शामिल किया गया है, ताकि भविष्य में नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण के लिए मजबूत डिजिटल ग्रिड तैयार किया जा सके।
मंत्रालय ने तकनीकी समाधान प्रदाताओं और स्टार्टअप्स को भी स्मार्ट मीटर डेटा आधारित समाधानों के विकास के लिए प्रोत्साहित किया है। इससे घरेलू तकनीक और डिजिटल नवाचार को सीधे बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
राज्यों के अनुसार स्थापना की स्थिति में बिहार, असम, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात शीर्ष पर हैं। राजस्थान, पंजाब और दिल्ली में भी स्थापना तेजी से आगे बढ़ रही है।
राज्यसभा में पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में विद्युत राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने यह जानकारी साझा की।


