प्रधानमंत्री मोदी ने शहडोल की फुटबॉल क्रांति को सराहा : “मन की बात” कार्यक्रम में किया मध्यप्रदेश का विशेष उल्लेख
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शहडोल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज “मन की बात” कार्यक्रम में शहडोल की फुटबॉल क्रांति और मिनी ब्राजील के रूप में जाने गए ग्राम विचारपुर का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी यहाँ पिछली 1 जुलाई की यात्रा में फुटबॉल के युवा और बाल खिलाड़ियों से मिले थे। पूर्व नेशनल प्लेयर और कोच रईस अहमद ने इन बच्चों को फुटबॉल के लिए प्रोत्साहित किया था। आज 1200 से अधिक फुटबाल क्लब शहडोल और उसके आसपास के ग्रामों में चल रहे हैं। इन क्लबों को प्रशासन द्वारा फुटबॉल और खेल मैदान की सुविधा उपलब्ध करवाई गई हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि शहडोल जिले में विचारपुर ग्राम को मिनी ब्राजील माना जाता है। आज से दो-ढाई दशक पहले यहाँ नशाखोरी बढ़ने का नुकसान नौजवानों को हो रहा था।  रईस अहमद ने युवाओं की प्रतिभा को पहचानते हुए सीमित संसाधनों से उन्हें फुटबॉल सिखाना शुरू किया था। थोड़े समय में फुटबॉल लोकप्रिय हो गया। अब यहाँ फुटबॉल क्रांति नाम से कार्यक्रम चल रहा है, जिसमें युवाओं को खेल प्रशिक्षण दिया जाता है। राष्ट्रीय और राज्य स्तर की 40 से ज्यादा प्रतिभाएं सामने आ चुकी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस उपलब्धि से देशवासियों को अवगत कराना आवश्यक लगा, इसलिए “मन की बात” में इसका उल्लेख किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी गत 01 जुलाई की शहडोल यात्रा में फुटबॉल क्रांति कार्यक्रम के 100 होनहार फुटबॉल खिलाड़ियों और कोच से संवाद भी किया था। उन्होंने खिलाड़ियों से आत्मीय बातचीत में उनके अनुभव सुने थे। प्रधानमंत्री ने चार वर्षीय अनिदेव और पाँच वर्षीय यश से बातचीत भी कर उनके फुटबॉल प्रेम के बारे में जानकारी ली।

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जल-संरक्षण प्रयासों का भी उल्लेख : प्रधानमंत्री मोदी ने शहडोल जिले के ग्राम पकरिया का भी उल्लेख किया जहाँ जनजातिय समाज के लोग प्रकृति और पानी के संरक्षण के लिए गंभीर हैं। इस क्षेत्र के लोगों ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग से करीब 100 कुंओं को वॉटर रिचार्ज सिस्टम में बदल दिया है।

उज्जैन में बनाई जा रही चित्र कथाओं का उल्लेख : प्रधानमंत्री मोदी ने उज्जैन में पुराणों पर आधारित चित्र कथाओं के निर्माण के कार्य का भी उल्लेख किया। पहाड़ी शैली, नाथद्वारा शैली, बूंदी शैली और अपभ्रंश शैली में चित्र बनाने वाले देशभर से आये 18 चित्रकार त्रिवेणी संग्रहालय में अपनी कृतियां प्रदर्शित करेंगे। उज्जैन में महाकाल लोक के साथ एक नए दिव्य स्थान के दर्शन श्रद्धालु और पर्यटक कर सकेंगे।

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