IISF-2022 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और साइंस थ्रू गेम्स एंड टॉयज रहेंगे आकर्षण : स्टार्टअप कॉनक्लेव भी शामिल

भोपाल : आठवां इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 21 से 24 जनवरी तक होगा। फेस्टिवल के दौरान विभिन्न गतिविधियाँ होंगी। उल्लेखनीय है कि महोत्सव की शुरुआत 2015 से ही विश्व कीर्तिमान बनाने और गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज कराने के सिलसिले के साथ आरंभ हुई, जो लगातार जारी है। इसमें हर साल स्कूली बच्चों द्वारा विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों का सामूहिक आयोजन कर विश्व रिकार्ड स्थापित किये जाते हैं। इस बार महोत्सव में बीते वर्षों में दर्ज किये गये विश्व कीर्तिमानों को दर्शाया जायेगा। 

पहली बार साइंस फेस्टिवल दिसंबर 2015 में आईआईटी,नई दिल्ली में हुआ। इसमें लगभग 2 हजार स्कूली बच्चों ने रसायन विज्ञान में एक साथ प्रयोग कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया था। दिसंबर 2016 में सीएसआईआर-एनपीएल, दिल्ली में 550 स्कूली बच्चों ने एक साथ विश्व के महान् वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन की ड्रेस में स्वयं को प्रस्तुत कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था। अक्टूबर 2017 के दौरान तीसरी बार चेन्नई में सम्पन्न साइंस फेस्टिवल में 1049 स्कूली बच्चों ने एक साथ जीव विज्ञान का सबसे बड़ा प्रयोग कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया था। चौथी बार अक्टूबर 2018 के दौरान लखनऊ में साइंस फेस्टिवल में 550 विद्यार्थियों ने केले से डीएनए मॉलीक्यूल अलग कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया था। 

पाँचवीं बार नवम्बर 2019 के दौरान कोलकाता में आयोजित साइंस फेस्टिवल में 1600 से अधिक विद्यार्थियों ने खगोल भौतिकी में स्पेक्ट्रोस्कोप असेम्बल कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया था। सातवां साइंस फेस्टिवल दिसंबर 2021 में पणजी में हुआ, जिसमें 500 स्कूली बच्चों ने रॉकेट बना कर और उसे सफलता से लांच कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया था।

स्टार्टअप कॉनक्लेव : विश्व में भारत स्टार्टअप इको सिस्टम के क्षेत्र में तीसरे स्थान पर है। यहाँ 75 हजार से अधिक स्टार्टअप हैं। देश में स्टार्टअप इको सिस्टम का लगातार विस्तार हो रहा है और अनेक स्टार्टअप‘यूनिकार्न’में विकसित हो रहे हैं। इस परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए भोपाल में होने जा रहे साइंस फेस्टिवल स्टार्टअप कॉनक्लेव में विशेष जोर ‘बायोटेक इनावेशन इको सिस्टम’ पर दिया जायेगा। साथ ही स्टार्टअप द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में विकसित नवोन्मेष उत्पादों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन भी किया जायेगा। कॉनक्लेव में स्टार्टअप के क्षेत्र में अवसरों और चुनौतियों पर भी विचार-मंथन किया जायेगा। 

साइंस थ्रू गेम्स एंड टॉयज : बच्चों के बीच ज्ञान-विज्ञान को दिलचस्प अंदाज और मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत करने में खिलौनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति ने सृजनशील लोगों को इस क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया है। वास्तव में गेम्स और टॉयज की विकास यात्रा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की बड़ी भूमिका रही है। इस आयोजन में वैज्ञानिक, कलाकार, विद्यार्थी, अनुसंधानकर्ता, विज्ञान संचारक, टॉयमेकर्स आदि भाग ले सकते हैं। 

इस बार फेस्टिवल में साइंस थ्रू गेम्स एंड टॉयज एक्टिविटीज भी प्रमुख आकर्षण रहेंगी। एक्टिविटीज में परंपरागत और आधुनिक खिलौनों की प्रदर्शनी लगाई जायेगी। कार्यशालाएँ और इंटरएक्टिव-सत्र भी किये जायेंगे। 

साइंस फेस्टिवल की नोडल एजेंसी म.प्र.विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मेपकॉस्ट), भोपाल है। फेस्टिवल में विज्ञान भारती, मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी (मेनिट), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, मध्यप्रदेश शासन, क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर), जैव प्रौद्योगिकी विभाग, अंतरिक्ष विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग की सहभागिता रहेगी। आठवां साइंस फेस्टिवल 21 से 24 जनवरी तक  भोपाल स्थित मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी मेनिट में होगा।

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