भोपाल : प्रदेश में 9 माह से 5 वर्ष आयु के सभी बच्चों को दिसम्बर 2023 तक 2 बार मीजल्स-रूबेला का टीका लगा कर जानलेवा बीमारी मीजल्स और रूबेला से मुक्त कराने के लिये हम सभी संकल्पबद्ध हैं। मीजल्स-रूबेला निर्मूलन की राज्य स्तरीय टास्क फोर्स समिति की मंत्रालय में शुक्रवार को हुई बैठक में यह संकल्प लिया गया। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने टास्क फोर्स समिति के सदस्यों को संकल्प दिलाया।
सुलेमान ने कहा कि दिसम्बर 2023 तक 9 माह से 5 वर्ष आयु के शत-प्रतिशत बालक-बालिकाओं को एमआर के टीके लगवाने का अभियान पूरी जिम्मेदारी से संचालित किया जाये। स्वास्थ्य, महिला-बाल विकास, शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग के अधिकारियों को मीजल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान में दी गई जिम्मेदारी से अवगत कराया गया।

एमडी एनएचएम प्रियंका दास ने टीकाकरण अभियान की जानकारी दी। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला ने मीजल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान पर प्रेजेन्टेशन दिया। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य सुलेमान सहित राज्य टास्क फोर्स समिति के सभी सदस्यों ने संकल्प-पत्र पर हस्ताक्षर भी किये।

208 शासकीय महाविद्यालयों में जन-भागीदारी समिति के अध्यक्षों का मनोनयन : मध्यप्रदेश के 208 महाविद्यालयों में जन-भागीदारी समिति के अध्यक्षों का मनोनयन किया गया है। प्रथम चरण में 56 शासकीय महाविद्यालयों में तथा दूसरे चरण में 152 महाविद्यालयों में जन-भागीदारी समिति के अध्यक्षों के आदेश जारी किये गए है।
जल तरंग सेंटर पर दर्शकों को 7 नवम्बर तक नि:शुल्क प्रवेश : पर्यावरण विभाग द्वारा स्थापना दिवस के अवसर पर भोपाल के बड़े तालाब के किनारे स्थित जल तरंग वेटलेंड इंटरप्रिटेशन सेंटर में दर्शकों को नि:शुल्क प्रवेश दिया जा रहा है। गत एक नवम्बर से आरंभ यह प्रवेश 7 नवम्बर तक जारी रहेगा। सेंटर में 6 नवम्बर को कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिये चित्रकला प्रतियोगिता और महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं के लिये पर्यावरण-संरक्षण पर क्विज होगा।
अंकुर कार्यक्रम में प्रदेश में एक से 7 नवम्बर तक जिला प्रशासन और जन अभियान परिषद के समन्वय से जिलों में नागरिक पंजीयन और प्रतिभागियों से द्वितीय एवं तृतीय फोटो अपलोड कराने के लिये अभियान भी चलाया जा रहा है।
स्थापना दिवस श्रृंखला कार्यक्रम में पर्यावरण विभाग द्वारा प्रदेश में 6 नवम्बर को पर्यावरण और जल-संरक्षण पर केन्द्रित जागरूकता कार्यक्रम किये जायेंगे। प्रदेश के 52 जिलों के 15 हजार 600 विद्यालय और 100 महाविद्यालयों में गठित ईको क्लबों से विद्यार्थियों के लिये पर्यावरण और जल-संरक्षण पर केन्द्रित क्विज, वाद-विवाद, निबंध लेखन, नारा लेखन, चित्रकला प्रतियोगिता और पर्यावरण-संरक्षण पर सेमिनार एवं व्याख्यान किये जाएंगे।