Datia News : दतिया। दतिया में अजब गजब चोरी का खुलासा हुआ है। जिसमें चोर ही पुलिस को गुमराह कर चोरी के माल की तलाश करवाता रहा। लेकिन जब अंत में पुलिस को शंका हुई तो उसका असली नकाब उतरा और वह पकड़ा गया।
बैंक का लोन चुकाने के लिए चोर स्क्रेप व्यापारी ने अपने ही पार्टनर के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी का षडयंत्र रच डाला। इसके लिए उसने पुराने कर्मचारी ड्राइवर के साथ मिलकर तांबा और पीतल के स्क्रेप से भरे आयशर ट्रक से 35 लाख की बड़ी चोरी को अंजाम दिया।
उसने ट्रक को ले जाकर माल टेकनपुर के पास बने ढाबे पर उतारा और ट्रक वापिस दतिया की सीमा में लाकर लावारिस हालत में छोड़कर वहां से भाग निकला।
इस घटना में मजेदार बात यह रही कि खुद स्क्रेप चोर व्यापारी पूरे मामले में पुलिस के साथ मिलकर छानबीन करवाने का नाटक करता रहा। लेकिन जब पुलिस को शंका हुई तो उसने आरोपित को दबोच लिया।
कई घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस आरोपित से इस पूरी घटना का राज खुलावा सकी। जिसके बाद ट्रक से चोरी किया गया तांबा पीतल का स्क्रेप बरामद किया जा सका।
इस पूरे मामले में जानकारी एसपी वीरेंद्र मिश्रा ने बुधवार को पुलिस कंट्रोल रुम में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में दी। इस दौरान पर एएसपी सुनील शिवहरे, एसडीओपी प्रियंका मिश्रा एवं कोतवाली टीआई धीरेंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे।
एसपी मिश्रा ने बताया कि 23 नबंवर को फरियादी ड्रायवर चांद शाह पुत्र सलीम शाह निवासी चूनगर फाटक ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह अरविंद यादव निवासी कटीली का आयशर ट्रक क्रमांक एमपी07 जीए 3843 को चलाता है।
19 नबंवर की रात में आयशर ट्रक में हरिओम शर्मा एएस इंटरप्राइजेज का पीतल, तांबा स्क्रैप करीब 27 क्विंटल 40 किलो तथा अरविंद अग्रवाल के 46 पैकेट नारियल बुरादा बोरियां को लोड करके गिर्राज ट्रांसपोर्ट के सामने रात्रि नौ बजे को लोक करके चला गया था।
अगले दिन सुबह जाकर देखा तो मौके से आयशर ट्रक मय माल के गायब था। उसकी तलाश करने पर नहीं मिलने पर चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
पार्टनर के ही माल पर कर दिया हाथ साफ : चोर की तलाश के लिए कोतवाली टीआई धीरेंद्र मिश्रा को पुलिस टीम के साथ लगाया गया। इस दौरान पुलिस ने करीब 100 सीसीटीव्ही कैमरों को खंगाला। मुखबिर एवं साइबर सेल की मदद से सुराग जुटाए। जिसके बाद आरोपित राजेंद्र यादव पुत्र सुंदर यादव निवासी उनाव रोड दतिया एवं
ड्राइवर धर्मेंद्र सेन पुत्र भगवानदास सेन निवासी रिछरा फाटक से पूछताछ की गई तो उनके द्वारा घटना घटित करना स्वीकार किया गया। आरोपित राजेंद्र यादव ने बताया कि वह अपने पार्टनर हरीओम शर्मा के साथ मिलकर स्क्रेप का काम करता था। इसके लिए उसका ट्रक वहां लगा था। जिसमें भरकर हरीओम ने स्क्रेप रवाना किया था।
आरोपित ने दूसरा ट्रक भी बैंक लोन से खरीदा था। जिसकी किश्त न चुका पाने के कारण उसने अपने पार्टनर हरीओम शर्मा के करीब 17 लाख से ज्यादा के स्क्रेप माल को चोरी करने का षडयंत्र रचा और अपने ही ट्रक को लावारिस हालत में गुलियापुरा के पास ले जाकर छोड़ दिया था।