MSP पर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, धान समेत कई फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि

नई दिल्ली  : प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने विपणन सत्र 2023-24 के दौरान सभी स्वीकृत खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। सरकार ने फसल उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और फसलों में विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विपणन सत्र 2023-24 हेतु खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, जैसा कि नीचे दी गई तालिका में दर्शाया जा रहा है : खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2023-24 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य

*लागत को संदर्भित करता हैजिसमें भुगतान किये गए सभी व्यय जुड़े हुए होते हैं। उदाहरण के तौर पर इनमें किराए पर लिया गया मानव श्रमबैल श्रम / मशीन श्रमभूमि पर पट्टे के लिए भुगतान किया गया खर्चफसल उत्पादन में इस्तेमाल सामग्री जैसे बीजउर्वरकखादसिंचाई शुल्कउपकरणों एवं कृषि भवनों पर मूल्यह्रासकार्यशील पूंजी पर ब्याजपंप सेटों के संचालन के लिए डीजल/बिजली आदि पर किए गए खर्चविविध मूल्य तथा पारिवारिक श्रम के अनुमानित व्यय को शामिल किया जाता है।

धान (ग्रेड ए)ज्वार (मालदंडी) और कपास (लंबा रेशा) के लिए अलग से लागत डेटा संकलित नहीं किया गया है।

विपणन सत्र 2023-24 के दौरान खरीफ फसलों के दौरान एमएसपी में वृद्धि किसानों को उचित पारिश्रमिक मूल्य उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय बजट 2018-19 की अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने की घोषणा के अनुरूप है। बाजरा (82%) के बाद तुअर (58%), सोयाबीन (52%) और उड़द (51%) के मामले में किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित लाभ सबसे अधिक होने का अनुमान है। शेष अन्य फसलों के लिए किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर कम से कम 50% मार्जिन प्राप्त होने का अनुमान है।

                                                                                          (रु. प्रति क्विंटल)

फसलें एमएसपी  2014-15 एमएसपी  2022-23 एमएसपी  2023-24 लागत* केएमएस 2023-24 2022-23 के मुकाबले एमएसपी में बढ़ोतरी लागत से अधिक लाभ प्रतिशत में
धान – सामान्य 1360 2040 2183 1455 143 50
धान-ग्रेड ए ^ 1400 2060 2203 143
ज्वार-हाइब्रिड 1530 2970 3180 2120 210 50
ज्वार-  मालदांडी ^ 1550 2990 3225 235
बाजरा 1250 2350 2500 1371 150 82
रागी 1550 3578 3846 2564 268 50
मक्का 1310 1962 2090 1394 128 50
तुअर/अरहर 4350 6600 7000 4444 400 58
मूंग 4600 7755 8558 5705 803 50
उड़द 4350 6600 6950 4592 350 51
मूंगफली 4000 5850 6377 4251 527 50
सूरजमुखी के बीज 3750 6400 6760 4505 360 50
सोयाबीन (पीला) 2560 4300 4600 3029 300 52
तिल 4600 7830 8635 5755 805 50
काला तिल 3600 7287 7734 5156 447 50
कपास (मध्यम  रेशा) 3750 6080 6620 4411 540 50
कपास (लंबा रेशा) 4050 6380 7020 640

 

हाल के वर्षों में, सरकार लगातार इन फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की पेशकश करके दलहनों, तिलहनों और अन्य पोषक धान्य/अन्न जैसे अनाजों के अलावा कई फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने किसानों को उनकी फसलों में विविधता लाने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) जैसी विभिन्न योजनाएं एवं गतिविधियां भी शुरू की हैं।

देश में 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 330.5 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 2021-22 की तुलना में 14.9 मिलियन टन अधिक है। यह बीते 5 वर्षों में होने वाली सबसे अधिक वृद्धि को दर्शाता है।

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