महिलाओं का रोजगार छीन रही सरकार, छत्तीसगढ़ में रेडी टू ईट मामले को लेकर विपक्ष ने किया हंगामा

रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में गत दिवस राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर रेडी टू ईट पौष्टिक भोजन के निर्माण और वितरण में लगी महिला स्व सहायता समूहों का रोजगार छीनने का आरोप लगाया और इसे लेकर जमकर हंगामा किया।

विधानसभा में बुधवार को भाजपा ने रेडी टू ईट पौष्टिक भोजन के निर्माण और वितरण का कार्य महिला स्व सहायता समूहों से लेकर राज्य के बीज निगम को हस्तांतरित करने मामला उठाया और सरकार पर आरोप लगाया कि वह महिलाओं का रोजगार छीन रही है।

इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराने की मांग को लेकर भाजपा विधायक सदन के गर्भगृह में आ गए और स्वतः ही निलंबित हो गए। बाद में उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया।

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प्रश्नकाल के बाद विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा सहित अन्य भाजपा सदस्यों ने इस मामले को उठाया और काम रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की।

भाजपा सदस्यों की मांग पर संसदीय कार्य मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा के लिए तैयार है। इसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी ने भाजपा का स्थगन प्रस्ताव की सूचना को पढ़ा।

स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से भाजपा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग में 1600 से अधिक महिला समूह की 20 हजार महिलाओं के परिवारों को 2009—10 में भाजपा सरकार के द्वारा रेडी टू ​ईट का कार्य दिया गया था।

जिससे छत्तीसगढ़ की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। लेकिन राज्य की सरकार इन सशक्त होती महिलाओं को बेरोजगार करना चाहती है तथा भ्रष्टाचार के चलते पूरा कार्य बीज निगम को देना चाहती है। क्योंकि बीज निगम के द्वारा अनुबंधित निजी फर्म को करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाया जा सके। पूरा विभागीय अमला भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है।

भाजपा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा स्पष्ट निर्णय दिया गया है कि आंगनबाडियों में जो भी पोषण आहार का वितरण किया जाएगा वह स्थानीय स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जाएगा। न्यायालय के निर्णय का पालन सरकार के द्वारा नहीं किया जा रहा है।

भाजपा के आरोपों के जवाब में राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि राज्य में 2009 से महिला स्व सहायता समूहों द्वारा रेडी टू ईट का निर्माण एवं वितरण किया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 1600 महिला स्व सहायता समूहों द्वारा यह काम किया जा रहा है।

जिसमें लगभग 16 हजार महिलाएं संलग्न हैं। विभाग द्वारा औसतन 425 करोड़ रूपए का भुगतान प्रतिवर्ष रेडी टू ईट प्रदायकर्ता महिला स्व सहायता रामूहों को किया जाता है।

मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य शासन ने रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार निर्माण एवं वितरण का कार्य छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के माध्यम से कराने का निर्णय लिया है।

वर्तमान में अनुबंधित महिला स्व सहायता समूहों को छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा रेडी टू ईट के वितरण कार्य में संलग्न किया जाएगा। ऐसे में रोजगार छीनने का प्रश्न ही नहीं है।

मंत्री ने भ्रष्टाचार के आरोपों से इंकार किया और कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए करबद्ध है। उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुरूप छत्तीसगढ़ में अगस्त 2009 से पूरक पोषण आहार कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में लगभग 18,000 महिला स्व सहायता समूह नाश्ता एवं गर्म भोजन की सामग्री प्रदाय करने में संलग्न है।

यह कार्य निरंतर जारी रहेगा। उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार कार्यक्रम के अंतर्गत वितरित रेडी टू ईट निर्धारित ऊर्जा, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स फोर्टिफिकेशन युक्त तथा विटामिन ए, बी 12, सी और डी फोर्टिफाइड होना चाहिए।

इसके बाद उपाध्यक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए दोपहर बाद तीन बजे का समय निर्धारित किया। तब भाजपा विधायकों ने इस विषय पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की तथा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वह सदन के गर्भगृह में आ गए।

इससे भाजपा विधायक स्वत: निलंबित हो गए। तब आसंदी ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। बाद में भाजपा विधायकों का निलंबन रद्द कर दिया गया।के बीच

जब सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तब भाजपा सदस्यों ने ​इस विषय पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की। वहीं संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि सरकार इस विषय पर तत्काल चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन जब विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने दैनिक कार्यसूची में सूचीबद्ध कार्य को जारी रखा तब भाजपा सदस्य सदन से बाहर चले गए और शेष कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।

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