मुंबई : सीधा-सादा लिवास, सिंपल-सी साड़ी, बालों की दो चोटी गूंथी हुई, माथे पर एक बिंदी और जुबां खुलते ही कानों में मिश्री घोलती सी आवाज. इतना पढ़ते ही आप समझ गए होंगे कि बात लता मंगेशकर की हो रही है. आज वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके गाए गीतों में वे हमेशा साथ होंगी. देश में शायद ही ऐसा कोई संगीत प्रेमी होगा,
जिसने लता मंगेशकर का गाना नहीं सुना होगा. 700 से भी ज्यादा गाने गा चुकीं भारत रत्न लता मंगेशकर की आवाज उनकी किशोरावस्था से लेकर बुजुर्ग होने तक उतनी ही मीठी रही. अपनी मधुर आवाज का जादू बिखेर कर लता मंगेशकर ने दुनियाभर में भारत की पहचान बढ़ाई है.
वह हमेशा देश की बहुमूल्य हस्तियों में गिनी जाती रही हैं. मीठी आवाज के साथ ही अपने कोमल और दयालु हृदय के लिए जानी जाने वालीं लता का प्रोफेशनल जीवन बेहद कामयाब रहा,
लेकिन बात जब उनकी निजी जिंदगी की आती है तो कहीं न कहीं उनके फैंस का मन कचोटता है कि काश उन्होंने शादी भी की होती और संगीत की उनकी विरासत अगली पीढ़ियों तक भी कायम रहती.

स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन की खबर ने संगीत प्रेमियों को गमजदा कर दिया है। जिनके प्यार भरे नगमों को सुनकर हर चेहरे पर मुस्कान आती थी,
आज वही गाने आंखों को नम कर रहे हैं। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में लंबे समय से भर्ती सुरों की रानी लता मंगेशकर अब हमारे बीच नहीं हैं।
सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर ने अपनी जादुई आवाज से लोगों को दिल में जगह बना ली थी और उनके प्यार भरे नगमे प्रेमियों को उत्साहित कर दिया करते थे। इतने प्रेम से परिपूर्ण गीत गाने के बावजूद क्या लता मंगेशकर की जिंदगी में कभी प्रेम ने दस्तक दी ? ऐसा नहीं है कि उन्होंने कभी प्रेम नहीं किया था। उनकी भी प्रेम कहानी शुरू हुई थी लेकिन वह किन्हीं वजहों से पूरी ना हो सकी।
बीबीसी के साथ बातचीत में लता मंगेशकर ने कहा था कि किशोर दा भी उनको चाहते थे। कई बार किशोर कुमार लता का पीछा करते-करते स्टूडियो तक गए थे। मगर यह बात लता को पसंद नहीं आई और उन्होंने इसको लेकर शिकायत भी की थी। हालांकि, लता को तबतक ये पता नहीं था कि वो किशोर कुमार हैं।
लता मंगेशकर को दिवंगत क्रिकेटर और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष राज सिंह से प्रेम हो गया था, जो डूंगरपुर के महाराजा भी थे। जब एक बार लता मंगेशकर क्रिकेट देखने स्टेडियम गई थीं, तब उन्हें महाराजा राज सिंह पसंद आ गए थे और राज भी लता की आवाज से बखूबी वाकिफ थे। कहा जाता है कि कुछ पारिवारिक कारणों के चलते राज सिंह डूंगरपुर और लता मंगेशकर की शादी नहीं हो पाई थी।
“सब कुछ भगवान की मर्जी से होता है”
इंटरव्यू में उनसे पूछा गया था, शादी के सपने के साथ बड़ी होने वाली हर लड़की की तरह क्या आपको शादी करने का विचार कभी नहीं आया. इस सवाल पर लता का जवाब था नहीं. उन्होंने कहा, “सब कुछ भगवान की इच्छा के अनुसार होता है. जीवन में जो भी होता है, वह अच्छे के लिए होता है और जो नहीं होता, वह भी अच्छे के लिए ही होता है.”
इंटरव्यू देते समय वह करीब अपने जीवन के 82वें वर्ष में थीं. उन्होंने आगे कहा, “अगर यह सवाल मुझसे चार-पांच दशक पहले पूछा जाता, तो शायद आपको कुछ और जवाब मिलता. लेकिन आज मेरे पास ऐसे विचारों के लिए कोई जगह नहीं है.”
घर में सबसे बड़ी थीं लता, सो जिम्मेदारियां भी बड़ी थीं
लता मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि घर में वह सबसे बड़ी थीं, सो उनपर जिम्मेदारियों भी कई थीं. उन्होंने कहा था, “घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी मुझ पर थी. ऐसे में कई बार शादी का खयाल आता भी था तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी. बेहद कम उम्र में ही मैं काम करने लगी थी. मेरे पास बहुत ज्यादा काम रहता था.”
बता दें कि साल 1942 में जब वह महज 13 साल की थीं, तब ही लता मंगेशकर के सिर से पिता का साया उठ गया था. ऐसे में परिवार की सारी जिम्मेदारियां उनके ऊपर आ गई थीं.
राज सिंह डूंगरपुर से रही करीबी दोस्ती
लता मंगेशकर के शादी नहीं करने के पीछे उनके काफी करीबी दोस्त रहे राज सिंह डूंगरपुर से जोड़कर भी बताई जाती है. राज, शाही परिवार से आते थे और बीसीसीआई यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष थे. इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स की रिपोर्ट में कहा कि लता मंगेशकर और राज सिंह डूंगरपुर दोनों शादी करना चाह रहे थे,
लेकिन जब राज सिंह ने अपने माता-पिता को इस बारे में सूचित किया, तो उनके पिता महारावल लक्ष्मण सिंहजी ने यह प्रस्ताव खारिज कर दिया था. हालांकि लता मंगेशकर ने कभी इस वजह की पुष्टि नहीं की, बल्कि घर की जिम्मेदारियों को ही कारण बताया.