CM शिवराज का बड़ा ऐलान- भोपाल और इंदौर में लागू होगा कमिश्नर सिस्टम, पुलिस होगी पावरफुल

भोपाल : मध्य प्रदेश के राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार सुबह यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि दोनों शहरों की बढ़ती जनसंख्या और भौगोलिक विस्तार को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है

अच्छी है कानून व्यवस्था की स्थिति, बेहतर नियंत्रण के लिए जरूरी है नई प्रणाली – मुख्यमंत्री

CM शिवराज ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और देश के स्वच्छतम शहर व्यावसायिक राजधानी इंदौर में बढ़ती जनसंख्या, भौगोलिक विस्तार और तकनीक के कारण भी उत्पन्न हुई कानून-व्यवस्था संबंधी आवश्यकताओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि पूर्व से अच्छी कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने का कार्य इस प्रणाली से होगा। भोपाल और इंदौर के साथ ही प्रदेश में पुलिस और प्रशासन ने मिलकर कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं।

लेकिन शहरी जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। भौगोलिक दृष्टि से भी महानगरों का विस्तार हो रहा है। इसलिए कानून और व्यवस्था की कुछ नई समस्याएँ पैदा हो रही हैं। उनके समाधान और अपराधियों पर नियंत्रण के लिए हमने दो नगरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का फैसला लिया है।

CM ने कहा कि इन्दौर और भोपाल प्रदेश के 2 बड़े महानगर हैं। यहाँ पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कर रहे हैं, ताकि अपराधियों पर ओर बेहतर नियंत्रण कर सकें।

क्या हैं इसके फायदे

कमिश्नर प्रणाली लागू होते ही पुलिस किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को डीएम आदि अधिकारियों के फैसले के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. पुलिस खुद किसी भी स्थिति में फैसला लेने के लिए ज्यादा ताकतवर हो जाएगी. जिले की कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसलों को लेने का अधिकार कमिश्नर के पास होगा.

होटल के लाइसेंस, बार के लाइसेंस, हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार भी इसमें शामिल होगा. धरना प्रदर्शन की अनुमति देना ना देना, दंगे के दौरान लाठी चार्ज होगा या नहीं, कितना बल प्रयोग हो यह भी पुलिस ही तय करती है. जमीन की पैमाइश से लेकर जमीन संबंधी विवादों के निस्तारण का अधिकार भी पुलिस को मिल जाएगा.

कैसे होगा काम?

पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू होने से पुलिस को बड़ी राहत मिलती है. कमिश्नर का मुख्यालय बनाया जाता है. एडीजी स्तर के सीनियर आईपीएस को पुलिस कमिश्नर बनाकर तैनात किया जाता है. महानगर को कई जोन में विभाजित किया जाता है. हर जोन में डीसीपी की तैनाती होती है. जो एसएसपी की तरह उस जोन में काम करता है, वो उस पूरे जोन के लिए जिम्मेदार होता है. सीओ की तरह एसीपी तैनात होते हैं ये 2 से 4 थानों को देखते हैं.

कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर ये होंगे पुलिस के पद –

पुलिस आयुक्त या कमिश्नर – सीपी
संयुक्त आयुक्त या ज्वॉइंट कमिश्नर –जेसीपी
डिप्टी कमिश्नर – डीसीपी
सहायक आयुक्त- एसीपी
पुलिस इंस्पेक्टर – पीआई
सब-इंस्पेक्टर – एसआई

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