Datia news : दतिया। फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों की धार्मिक भावना से खिलवाड़ कर चंदा वसूलने का काम इन दिनों सोशल मीडिया फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आम होता जा रहा है। इस दौरान अकाउंट बनाने वाले अपना क्यूआर कोड तक दे देते हैं। जिसके माध्यम से एक रुपये, 11 रुपये या 21 रुपये जैसी राशि भंडारे आदि के सहयोग के रुप में मांगते हैं। राशि कम होने से लोग भी इनके झांसे में आकर दान देने लगते हैं। जबकि यह गलत है।
ऐसा ही एक फर्जी अकाउंट रतनगढ़ माता मंदिर के नाम पर सोशल मीडिया पर चलाए जाने की मामला पकड़ में आया है। मजे की बात तो यह है कि इस अकाउंट के फोलोअर्स भी एक लाख से ऊपर से हैं।
ऐसे में 11 और 21 रुपये की दान राशि भी लाखों में पहुंच जाती है। इस फर्जी अकाउंट को लेकर पुलिस कार्रवाई के लिए सेवढ़ा एसडीएम ने पत्र लिखा है।
इस संबंध में मां रतनगढ़ सेवा समिति के पदेन सचिव एवं अनुविभागीय अधिकारी अशोक अवस्थी ने पुलिस को पत्र भी भेजा है। पत्र में उल्लेख है कि कुछ अनाधिकृत लोग मंदिर के नाम पर इंटरनेट मीडिया पर अकाउंट चला रहे हैं।
इन अकाउंट्स के जरिए आर्थिक लाभ के लिए चंदा एकत्र किया जा रहा है। यह पूरी तरह अवैधानिक है और दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। मामला गंभीर है। मंदिर की आस्था से जुड़ा है। समिति ने प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की है।

समिति ने थाना प्रभारी से मांग की है कि ऐसे लोगों के खिलाफ तत्काल दंडात्मक कार्रवाई की जाए। साथ ही कार्रवाई की जानकारी समिति को दी जाए। पत्र के साथ अकाउंट की डिटेल की छायाप्रति भी संलग्न की गई है।
यह पत्र थाना अतरेटा के नाम भेजा गया। इसकी प्रतिलिपि कलेक्टर दतिया, पुलिस अधीक्षक दतिया और अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) सेवढ़ा को भी भेजी गई है।
वर्तमान में रतनगढ़ माता मंदिर के लाखों करोड़ों श्रद्धालु देशभर में मौजूद हैं। इसीका फायदा उठाकर माता मंदिर रतनगढ़ के नाम से कई आइडिया चलाई जा रही हैं। इन फेसबुक और इंस्टाग्राम आईडी पर माता के दर्शन एवं ड्रोन से लिए गए कई आकर्षक वीडियो डाले गए।
जिसका नतीजा यह हुआ कि इस तरह की आईडी पर लाखों फोलोअर भी बन गए। अब इसी से ठगी की जा रही है। एसडीएम अशोक अवस्थी द्वारा जारी पत्र के साथ क्यूआर कोड एवं फेसबुक आईडी के स्क्रीनशाट भी भेजे गए हैं ।
एसडीएम ने आमजन से भी अपील की है कि इस प्रकार की कोई भी चंदा रतनगढ़ सेवा समिति नहीं लेती। वह इस जाल में ना फंसे। अगर माता मंदिर पर कुछ दान करना है तो प्रत्यक्ष तौर पर उपस्थित होकर मंदिर में रसीद कटवाकर विधिवत दान किया जा सकता है।