नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आतंकवाद, चाहे वह किसी भी रूप में हो, मानव सभ्यता और विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने लोकतांत्रिक देशों की सभी संसदों से आतंकवाद के वैश्विक खतरे के विरुद्ध एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया।
श्री बिरला संसद भवन में श्रीलंकाई संसदीय प्रतिनिधिमंडल से द्विपक्षीय बैठक के दौरान बोल रहे थे। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्रीलंका संसद के उपाध्यक्ष डॉ. रिजवी सालेह कर रहे हैं, जो लोकतंत्रों के लिए संसदीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (PRIDE) द्वारा आयोजित एक सप्ताह के क्षमता निर्माण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ने भारत-श्रीलंका के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों का उल्लेख करते हुए साझा बौद्ध विरासत को दोनों देशों के बीच एक गहरे सेतु के रूप में बताया। उन्होंने श्रीलंका में यूपीआई आधारित भुगतान प्रणाली की शुरुआत, समुद्री फेरी और उड़ान सेवाओं से बढ़ते पर्यटन संपर्क जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की सराहना की।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत की संसद में डिजिटल और एआई तकनीकों के उपयोग से जन भागीदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा मिल रहा है। संसदीय समितियों, विधायी और बजट प्रक्रियाओं के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत और उत्तरदायी बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ने यह जानकारी भी दी कि PRIDE संस्थान अब तक 110 से अधिक देशों के सांसदों और अधिकारियों को प्रशिक्षण दे चुका है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कार्यक्रम श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल को भारत की संसदीय कार्यप्रणाली की गहरी समझ प्रदान करेगा।

डॉ. सालेह ने भारत की संसद और लोकसभा अध्यक्ष के आतिथ्य के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि भारत और श्रीलंका के संबंध ऐतिहासिक गहराई वाले हैं और कठिन समय में भारत द्वारा दिए गए सहयोग के लिए श्रीलंका आभारी है।