वाशिंगटन : भारत को निशाना बना रहे आतंकवादी समूहों ने पाकिस्तानी सरजमीं से अपनी गतिविधियों को अंजाम देना जारी रखा है। पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद संस्थापक और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी मसूद अजहर तथा 2008 मुंबई हमले के ‘‘प्रोजेक्ट मैनेजर’’ साजिद मीर समेत अन्य आतंकवादियों के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की है। अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा आतंकवाद पर जारी एक नयी रिपोर्ट में यह बात कही गयी है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बृहस्पतिवार को आतंकवाद पर जारी ‘कंट्री रिपोर्ट्स 2020’ में कहा कि क्षेत्रीय रूप से आतंकवादी समूह पाकिस्तान से अपनी गतिविधियां अंजाम दे रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘अफगान तालिबान और उससे जुड़े हक्कानी नेटवर्क समेत अफगानिस्तान को निशाना बना रहे समूहों के साथ ही भारत को निशाना बना रहे लश्कर-ए-तैयबा और उससे जुड़े संगठन तथा जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) समेत अन्य आतंकवादी समूहों ने पाकिस्तानी सरजमीं से अपना काम जारी रखा है।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने जेईएम संस्थापक एवं संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी अजहर और 2008 मुंबई हमले के ‘‘प्रोजेक्ट मैनेजर’’ मीर जैसे अन्य वांछित आतंकवादियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसा माना जाता है कि अजहर और मीर दोनों पाकिस्तान में निर्बाध घूम रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि फरवरी और फिर नवंबर में लाहौर की एक आतंकवादी रोधी अदालत ने लैश्कर-ए-तैयबा संस्थापक हाफिज सईद को आतंकवाद के वित्त पोषण के कई आरोपों में दोषी ठहराया और उसे साढ़े पांच साल के कारावास की सजा सुनाई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की कार्य योजना को पूरा करने की दिशा में 2020 में अतिरिक्त प्रगति की लेकिन कार्य योजना के सभी कामों को पूरा नहीं किया और वह एफटीएफ की ‘‘ग्रे सूची’’ में बना हुआ है।
इसमें यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान में कुछ मदरसों में हिंसक चरमपंथी विचारधारा पढ़ाई जाती है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘सरकार के मदरसों पर नियमन बढ़ाने के प्रयास जारी रहने के बीच कुछ विश्लेषकों और मदरसा सुधार समर्थकों ने कहा कि कई मदरसे सरकार के साथ पंजीकरण कराने, अपने वित्त पोषण के स्रोतों के दस्तावेज देने या विदेशी छात्रों के दाखिले के लिए बनाए गए कानूनों का पालन करने में नाकाम रहे हैं।’’
अमेरिका-भारत सहयोग का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका, भारत के साथ अपनी रणनीतिक भागीदारी बढ़ाना जारी रखे है। इसमें 17वां आतंकवाद रोधी संयुक्त कामकाजी समूह और अक्टूबर में हुई तीसरी ‘टू प्लस टू’ मंत्री स्तरीय वार्ता जैसी द्विपक्षीय भागीदारियां भी शामिल हैं।
उसने देश के बाहर और क्षेत्रीय आतंकवादी ताकतों का सक्रियता से पता लगाने तथा उन्हें ध्वस्त करने के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) समेत भारतीय आतंकवाद रोधी ताकतों की भी प्रशंसा की।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘संघीय और राज्य स्तरों पर भारतीय आतंकवाद रोधी ताकतों ने सक्रियता से देश के बाहर और क्षेत्रीय आतंकवादी ताकतों का पता लगाया तथा उन्हें ध्वस्त कर दिया। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने आईएसआईएस से जुड़े 34 आतंकवाद संबंधित मामलों की जांच की और 160 लोगों को गिरफ्तार किया जिसमें केरल तथा पश्चिम बंगाल से सितंबर में गिरफ्तार किए गए 10 कथित अल-कायदा प्रतिनिधि भी शामिल हैं।’’
इसमें कहा गया है कि 2019 के ईस्टर संडे आत्मघाती हमलों के मद्देनजर श्रीलंका ने आतंकवाद रोधी क्षमताओं को बढ़ाने तथा सीमा सुरक्षा में सुधार लाने के प्रयास जारी रखे हैं। श्रीलंकाई पुलिस इन हमलों की जांच में एफबीआई के साथ सहयोग कर रही है। 100 से अधिक संदिग्ध हिरासत में हैं।
गौरतलब है कि 21 अप्रैल 2019 को ईस्टर संडे पर स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात के नौ आत्मघाती हमलावरों ने श्रीलंका के तीन गिरजाघरों और कई लग्जरी होटलों पर सिलसिलेवार धमाके किए थे जिसमें 11 भारतीयों समेत 258 लोगों की मौत हो गयी थी और 500 से अधिक घायल हो गए थे।