बच्चों ने संजय कुमार से पूछा सर आप कलेक्टर कैसे बने : बंगले में घूमे और झूले का उठाया लुत्फ, कलेक्टर ने सभी सवालों के दिए जबाब

Datia News : दतिया । सर, आप कलेक्टर कैसे बनें, क्या इस मुकाम तक पहुंचने के लिए आपको भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। ऐसे तमाम सवाल शनिवार को उन स्कूली बच्चों ने दतिया कलेक्टर संजय कुमार से पूछे जब वह उनसे मिलने सिविल लाइन बंगले पर पहुंचे। कलेक्टर संजय कुमार ने भी बच्चों की सभी जिज्ञासाओं को शांत करते हुए उनके सवालों का जबाब दिया। दरअसल आधा दर्जन सरकारी स्कूल के बच्चे विद्योत्थान अभियान अंतर्गत ‘अरमानों के पंख’ कार्यक्रम के तहत कलेक्टर से मिलने उनके बंगले पर आए थे।

इस दौरान संकुल केंद्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उपरांय एवं अधीनस्थ विद्यालय शासकीय उच्चतर मावि बरगांय, हाईस्कूल पचोखरा, हाईस्कूल बड़ेरा के छात्र-छात्राओं ने अपने सपनों को साकार करने में आने वाली कठिनाइयों, परेशानियों एवं आर्थिक, सामाजिक व्यवस्थाओं पर कलेक्टर से खुलकर चर्चा की।

कलेक्टर बोले हम भी आप जैसे ही हैं : बच्चों की जिज्ञासाओं को मार्गदर्शन देकर शांत करते हुए कलेक्टर संजय कुमार ने सामान्य से उदाहरणों के माध्यम से सपनों को साकार करने के उपायों को सुझाया। कलेक्टर ने बताया कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। कोई भी भाषा बड़ी या छोटी नहीं होती। सामान्यतः हमें उस भाषा में बात करनी चाहिए, जो सहजता से समझी जा सके। अपनी बात दूसरों को सरलता से समझाई जा सके।

छात्र जतिन शर्मा ने पूछाकि सर आप इस मुकाम पर किन-किन कठिनाइयों को पार कर पर पहुंचे हैं, अनुभव साझा करें। इस पर कलेक्टर ने जबाब देते हुए कहाकि हम भी आप जैसे ही है। कोई भी व्यक्ति अलग से नहीं होता है। सब आप लोगो की तरह ही होते है। बस पूरी ईमानदारी से मेहनत करने की आवश्यकता है।

कलेक्टर बंगले के बगीचे में घूमे बच्चे, झूला भी झूला : इस मिथक को तोड़ते हुए कि कलेक्टर निवास अंदर से कैसा होता है, क्या-क्या सुविधाएं होती हैं, अंदर से कैसा दिखता है आदि को दूर करते हुए बच्चों ने कलेक्टर निवास के बगीचे में भ्रमण किया। उन्होंने वहां लगे झूलों का भी लुत्फ उठाया। कलेक्टर ने बच्चो के साथ मकर संक्रांति का पर्व मनाते हुए स्वल्पाहार भी किया।

कलेक्टर ने बच्चों को समझाया कि जीवन में प्रत्येक व्यक्ति की अपनी छवि होती है। यह दो प्रकार की होती है। एक जो आपके चेहरे के रूप में दिखती है वह और दूसरी वह जो आपके व्यक्तित्व के माध्यम से दिखती है। व्यक्तित्व के माध्यम से दिखने वाली छवि ज्यादा महत्वपूर्ण होती है।

अच्छा व्यक्तित्व हमेशा याद किया जाता है। चाहे उसका चेहरा देखा हो या ना देखा हो। उन्होंने कहाकि जीवन में प्रस्तुतीकरण बिना झिझक के जरूरी है।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी धनंजय मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी यू.एन.मिश्रा, कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा.श्याम बिहारी पचैरी, संकुल प्राचार्य उपरांय राजेश तिवारी, मार्गदर्शी शिक्षक प्रदीप श्रीवास्तव, राजेंद्र सोनी, सोनिया श्रीवास्तव एवं उपयंत्री जिला पंचायत अखिलेश साहू उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में कलेक्टर संजय कुमार ने बच्चों के मनोबल को बढ़ाने के उद्देश्य से विद्योत्थान का मेडल एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया।

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